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सामूहिक कन्या विवाह में कोरोना का असर, 125 जोड़े को परिणय सूत्र में बंधने अभी और करना होगा इंतजार

Corona Effect: महिला एवं बाल विकास विभाग साल भर बाद भी नहीं निकाल सके मुहूर्त , इधर जिला प्रशासन ने कोरोना वायरस को लेकर 31 मार्च तक कोई भी शिविर व सामूहिक कार्यक्रम आयोजन पर लगा दिया है रोक

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सामूहिक कन्या विवाह में कोरोना का असर, 125 जोड़े को परिणय सूत्र में बंधने अभी और करना होगा इंतजार

सामूहिक कन्या विवाह में कोरोना का असर, 125 जोड़े को परिणय सूत्र में बंधने अभी और करना होगा इंतजार

कोरबा. सामूहिक कन्या विवाह योजना के तहत पंजीयन कराने वाले 125 जोड़ों को अभी और इंतजार करना होगा। योजना के तहत होने वाले सामूहिक विवाह में परिणय सूत्र पर बंधने जोड़े साल भर से इंतजार करते रहे। अब सत्र के अंतिम माह में कोरोना वायरस के कारण विभाग तिथि तय नहीं कर रही है। जोड़ों को दो से तीन माह तक और इंतजार करना पड़ सकता है।

मुख्यमंत्री सामूहिक कन्या विवाह योजना अंतर्गत आर्थिक रूप से कमजोर और गरीब परिवार के युवक व युवतियों का विवाह कराया जाता है। इस साल 125 जोड़ों ने विवाह के लिए पंजीयन किया है। चालू वित्तीय वर्ष समाप्त होने को है लेकिन महिला एवं बाल विकास विभाग अब तक मुहूर्त ही नहीं निकाल सकी है। वर्तमान में कोरोना वायरस का खतरा मंडरा रहा है। जिला प्रशासन ने कोरोना वायरस को लेकर अलर्ट जारी किया है। 31 मार्च तक कोई भी शिविर व सामूहिक कार्यक्रम आयोजन करने पर रोक लगा दिया है। इस वजह से इस माह सामूहिक विवाह का कार्यक्रम भी संपन्न नहीं हो सकेगा। पंजीकृत जोड़े को विवाह के लिए अभी और इंतजार करना होगा।

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सामूहिक विवाह को लेकर विभाग ने तैयारी भी नहीं की थी। इस आधार पर दो से तीन माह का और अधिक समय लग सकता है। इससे युवक-युवतियों व परिवार के सदस्यों की परेशानी बढ़ गई है। इधर कोरबा के पड़ोसी जिले में सामूहिक विवाह योजना अंतर्गत हाल ही में कार्यक्रम संपन्न कराया है, लेकिन कोरबा जिले में विभाग योजना को लेकर तैयारी नहीं कर पाया है।

हर साल विभाग कर रहा लेटलतीफी
पिछले तीन साल से विभाग द्वारा सामूहिक विवाह योजना को संपन्न कराने में देरी करता चला आ रहा है। विभाग ने वर्ष 2017-18 और 2018-19 में सामूहिक विवाह में पंजीयन कराने वाले जोड़ों का विवाह एक साथ संपन्न कराया था। इस दौरान 2017-18 के युवक-युवतियों को लगभग डेढ़ से दो साल का इंतजार करना पड़ा था। इसी तरह वर्ष 2018-19 में पंजीयन कराने वाले युवक-युवतियों को भी काफी लंबे समय तक इंतजार करना पड़ा था। विभाग की लेटलतीफी को देखते हुए कई जोड़ों ने स्वयं के खर्च से विवाह कर लिया था। इसके बाद विभाग ने जोड़े से संपर्क किया। इधर युवक-युवतियां महत्वकांक्षी योजना से लाभान्वित होने से वंचित हो गए थे।

दो माह से रेडी-टू-ईंट के जांच में जुटा विभाग
सामूहिक विवाह में लेटलतीफी का कारण इस साल रेडी-टू-ईंट के जांच को भी माना जा रहा है। दरअसल रेडी-टू-ईट योजना अंतर्गत महिला स्व सहायता समूहों द्वारा आंगनबाड़ी केंद्रों में सामग्रियों के आबंटन में बरती गई लापरवाही की जांच में विभाग का पूरा अमला जुटा हुआ है। ऐसे में अधिकारियों और कर्मचारियों के पास अन्य योजना से हितग्राहियों को लाभान्वित करने पर ध्यान नहीं है।

-सामूहिक विवाह के लिए 125 जोड़ों ने पंजीयन कराया है। अभी कोरोना वायसर के अलर्ट होने के कारण तिथि निर्धारित नहीं की गई है। आनंद प्रकाश किस्पोट्टा, डीपीओ, महिला एवं बाल विकास विभाग