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कोरोना की वजह से फंसा 1400 मछुआरों के आत्मनिर्भर बनने का सपना

Fisheries Department: मत्स्य विभाग ने नोटशीट तो बनाया पर विभागों की सामंजस्यता की कमी के कारण नहीं दिया जा सका मूर्तरूप

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कोरोना की वजह से फंसा 1400 मछुआरों के आत्मनिर्भर बनने का सपना

कोरोना की वजह से फंसा 1400 मछुआरों के आत्मनिर्भर बनने का सपना

कोरबा. जिले पंचायतों में 1400 से अधिक तालाब खाली पड़े हैं। इसका उपयोग मछली पालन के लिए किया जा सकता है। मछली पालन कर ग्रामीण स्वयं आत्मनिर्भर बनेंगे और 1500 से अधिक लोगों को रोजगार भी मिल सकता है। मतस्य विभाग ने नोटशीट तो बना लिया है, लेकिन विभागों की सामंजस्यता की कमी के कारण मूर्तरूप नहीं दिया जा सका है। इसका कारण कोरोना के रोकथाम में अधिकारियों व कर्मचारियों की व्यस्तता को बताया जा रहा है। लॉकडाउन के बाद से मजदूरों का अपने गृह ग्राम पहुंचने का सिलसिला जारी है। इसके अतिरिक्त कोरोना की वजह से मजदूरों का काम भी बंद हो गया है, लोग बेरोजगार हो गए हैं।

केंद्र सरकार ने लोगों को आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित किया है, ताकि अधिक से अधिक कार्य शुरू हो और मजदूरों को अपने ही ग्राम में काम मिल सके। जिला प्रशासन ही इसे गंभीरता से नहीं ले रही है। जिले में 1400 से अधिक तालाब खाली पड़ी है। इन तालाबों में मछली पालन करके मछुवारों को आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है। इतना ही नहीं, लॉकडाउन की वजह से बेरोजगार हुए युवाओं व मजदूरों को इससे काम मिलेगा और उनकी रोजी-रोटी की परेशानी भी दूर हो जाएगी।

मतस्य विभाग के अनुसार विभाग ने नोटशीट तैयार कर जिला प्रशासन के समक्ष प्रस्तुत कर दिया है, लेकिन बताया जा रहा है कि कोरोना काल की वजह से आगे की प्रक्रिया अभी तक लंबित है। इस वजह से मछवारों के आत्मनिर्भर बनने के सपने पर पानी फेर दिया है।

मछुआरों को मिलेगा लाभ
इसका लाभ मछली पालन करने वाले ग्रामीणों को मिलेगा। यह तालाब 1400 हेक्टेयर में फैला हुआ है। इससे अच्छी-खासी कमाई हो सकती है। एक आकड़े के अनुसार मछली उत्पादन करने से किसानों को एक साल में लगभग डेढ़ से ढाई लाख रूपए तक की आमदनी हो सकती है।

तीन हजार से अधिक लोगों को मिलेगा रोजगारविभाग के द्वारा तालाबों को लीज के रूप दिया जाएगा। इच्छुक मछुवारों के पास पर्याप्त पैसे नहीं होने पर वह कम ब्याज दर पर बैंक से लोन प्राप्त कर सकता है। इस दौरान 1400 तालाबों में मछली पालन के लिए कम से कम एक या फिर मजदूरों की आवश्यकता होगी। इस आधार पर उसी गांव में रहने वाले 1500 से दो हजार से अधिक रोजगार प्राप्त कर सकते हैं।

देखरेख के अभाव में कई तालाब सूखे
जिले के ग्राम पंचायत स्तर पर 1400 हेक्टेयर पर में लगभग 1400 तालाब है। इसमें से कई ऐसे तालाब है, जो देखरेख के अभाव में तालाब सूख गए है, वहीं कई तालाब जलकुंभी से पट गए हैं। तालाबों का पानी खराब हो रहा है। वर्जन जिले के विभिन्न पंचायतों में लगभग 1400 हेक्टेयर तालाब खाली पड़ा है। इसे लीज में देने के लिए नोटशीट तैयार की जा चुकी है, कोरोना वायरस की वजह से प्रक्रिया रूकी हुई है।


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