
Doctors Strike in CG: कोरबा में भी लोगो के अंदर जूनियर डॉक्टर दुष्कर्म हत्याकांड को लेकर गुस्सा देखने को मिला। बता दे की छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में डॉक्टराें ने मेडिकल कॉलेज अस्पताल परिसर में कैंडल मार्च किया। इसकी जानकारी इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की ओर से दी गई है।
दरअसल आठ और नौ अगस्त की दरमियानी रात कोलकाता के लाल बाजार स्थित आरजी कर मेडिकल अस्पताल में जूनियर डॉक्टर की दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई थी। इस मामले ने अब राष्ट्रीय आंदोलन का रुप ले लिया है। घटना के विरोध में देश के अलग-अलग राज्यों में डॉक्टर हड़ताल पर जा रहे हैं। आईएमए की ओर से बताया गया है कि शनिवार को कोरबा जिले के सभी सरकारी और निजी अस्पताल बंद रहेंगे। किसी भी अस्पताल के ओपीडी (बाह्य रोगी कक्ष) में डॉक्टर मरीजाें की जांच कर दवाईंया नहीं दिए जायेंगे।
साथ ही आपको बता दे की रविवार को लगभग सभी अस्पतालों में ओपीडी सेवाएं बंद रहती है। सरकारी अस्पतालों में भी डॉक्टर ओपीडी में मरीजों का इलाज नहीं करते हैं लेकिन आईएमए की हड़ताल के कारण कोरबा में शनिवार और रविवार को दो दिन तक इलाज नहीं हो सकेगा।
हालांकि आईएमए में हो रहे हड़ताल से आपातकालीन सेवाएं को अलग रखा है। आईएमए की ओर से बताया गया है कि अस्पताल में भर्ती मरीजों का इलाज पूर्व की तरह ही किया जाएगा। जरूरत पड़ी तो डॉक्टर गंभीर स्थिति में आपातकाल में पहुंचने वाले मरीजों का इलाज कर सकेंगे। गौरतलब है कि कोरबा के सरकारी मेडिकल कॉलेज के अलावा आधा दर्जन अस्पतालों में मरीजों को भर्ती कर इलाज की सुविधा उपलब्ध है।
वही इमरजेंसी सेवाएं बहाल रहने से गंभीर स्थिति के मरीजों को इलाज मिल सकेगा। हालांकि इसका कितना असर देखने को मिलेगा, यह आज ही पता चल सकेगा। जब इमरजेंसी सेवाएं चालू रहेंगी। कोरबा के अलग-अलग अस्पतालों में रोजाना लगभग 150 से 200 से अधिक मरीज भर्ती होते हैं। उनका इलाज किया जाता है।
मेडिकल कॉलेज अस्पताल के डॉक्टरों ने हड़ताल पर जाने से एक दिन पहले शुक्रवार की रात परिसर पर एकत्र हुए। अस्पताल परिसर में कैंडल जलाकर डॉक्टरों ने मार्च किया। जूनियर डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्याकांड को लेकर आक्रोश जाहिर किया। इस दौरान शनिवार को ओपीडी में काम नहीं करने का निर्णय लिया गया जिसको लेकर इससे मरीजों की परेशानी बढ़ने वाली है।
डॉक्टरों के हड़ताल पर जाने से कोरबा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में सबसे ज्यादा असर पड़ने की सभावना है। अस्पताल में इलाज कराने के लिए रोजाना लगभग 700 से अधिक मरीज अलग-अलग विकासखंडों से यहां पहुंचते हैं। इस हड़ताल के कारण आज मेडिकल कॉलेज अस्पताल में उनका इलाज नहीं हो सकेगा।
इसके अलावा आज होने वाले सभी ऑपरेशन को अगली तिथि तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। मेडिकल कॉलेज अस्पताल में रोजाना लगभग एक दर्जन से अधिक छोटी-बड़ी सर्जरी की जाती है। सर्जरी बंद होने से मरीजों पर सर्वाधिक असर पड़ने की संभावना है। गौरतलब है कि कोरबा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में सबसे अधिक गरीब और जरूरतमंद लोग छोटी-बड़ी बीमारियों का इलाज कराने के लिए आते हैं।
Updated on:
17 Aug 2024 02:01 pm
Published on:
17 Aug 2024 01:48 pm
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