
Ashwamedha Yagya 2019 : डॉ. चिन्मय पंड्या ने किया सूक्ष्म यज्ञ, हवन की नई विधा से हुए प्रभावित
कोरबा. अश्वमेध यज्ञ रजत जयंती महोत्सव में पधारे डॉ. चिन्मय पंडया ने शैफाली के साथ नशा मुक्ति प्रदर्शनी में नैनो यज्ञ का सूक्ष्म प्रयोग किया। वे इस सूक्ष्म यज्ञ से खासे प्रभावित हुए। उन्होंने इसे वैश्विक स्तर पर बढ़ाने की बातें कही।
उल्लेखनीय है कि दैनिक जीवन में हर कोई व्यस्त है। इसके कारण यज्ञीय जीवन अपनाने में लोगों को खासी परेशानी होती है। श्री गायत्री स्वावलंबन केंद्र दुर्ग के युवाओं के द्वारा व्यस्तता के बीच यज्ञ हवन करने की नई विधा विकसित की गई है। इसमें वैदिक पद्धति से नित्य अपने घर में ऑफिस में यज्ञ हवन किया जा सकता है। इस सूक्ष्म यज्ञ के लिए 10 से 15 मिनट का समय लगता है।
श्री गायत्री स्वावलंबन केंद्र दुर्ग के प्राणेश विश्वास व मीनाक्षी ने डॉ. चिन्मय पंडया दंपत्ति को सूक्ष्म यज्ञ कराया। इससे वे खासे प्रभावित हुए। तांबे के छोटे हवन कुंड में गाय के गोबर से बने दीए जलाने के बाद उसमें हवन सामग्री के साथ हवन की जाती है। यह साइज में छोटा होने के कारण रखने में आसान है साथ ही हर कोई इसका प्रयोग कर सकता है।
यज्ञमयी जीवन के लिए नित्य हवन आवश्यक है।भाग दौड़ की जिंदगी में यह सूक्ष्म यज्ञ बेहद प्रभावी साबित हो रहा है। डॉ. पंडया ने यज्ञ की इस नई विधा को खूब सराहा।
आत्मबल विकसित करने का मुख्य माध्यम गायत्री महामंत्र
यज्ञ की उर्जा से उभरे संकल्प, एक हजार बाल संस्कार शाला की स्थापना के साथ प्रदेश में वृहद स्तर पर चलेगा नशा मुक्ति अभियान।
रजत जयंती महोत्सव का हुआ समापन। अश्वमेध महायज्ञ रजत जयंती महोत्सव के चौथे दिवस यज्ञीय ऊर्जा से प्रदेश में नए रचनात्मक कार्यों का संकल्प परिजनों ने लिया। आगामी समय में प्रदेश के हर इलाके में लगभग एक हजार बाल संस्कार शाला की स्थापना के साथ पूरे प्रदेश में वृहद स्तर पर नशा मुक्ति अभियान चलाए जाने का संकल्प उभर कर सामने आया।
उल्लेखनीय है कि पिछले चार दिनों से उर्जानगरी में अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार के तत्वावधान में अश्वमेध यज्ञ रजत जयंती महोत्सव चल रहा है। इसमें बीते चार दिनों में एक लाख से अधिक लोगों ने भाग लिया। 251 कुंडीय यज्ञ में आहुति प्रदान की। बुधवार को उक्त कार्यक्रम का समापन किया गया। दो पालियों में हवन आहुति के बाद यज्ञ में आवाहित सभी देवशक्तियों को विदाई देते हुए कार्यक्रम का विसर्जन किया गया।
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हर किसी की आंखों में विदाई के आंसू
चार दिनों के कार्यक्रम में आत्मीयता के विस्तार के बाद समापन समारोह में ओंकार पाटीदार की संगीत टीम ने विदाई गीत गाकर सबको विदाई दी। इस अवसर पर हर किसी की आंखे नम थीं। नई उर्जा के साथ नए गंतव्य की ओर जाते हुए शांतिकुंज की टोली को यज्ञ आयोजन समिति ने भावभीनी विदाई दी। पूरे कार्यक्रम में शांतिकुंज हरिद्वार से पधारे ईएमडी की टीम में शामिल संतोष सिंह, मंगल गढ़वाल, संतोष कांवडकर, मयंक साहू, राजेन्द्र पोयाम व प्रेमलाल साहू, योगेश पटेल, रामप्रसाद आदित्य, मनोहर, देवमेश, जमुना प्रसाद समेत प्रदर्शनी विभाग के ईश्वर, ऋतुराज, आदित्य, सुशील, बालकराम, रामकुमार, शशांक, वेदप्रकाश थवाईत की टोली ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। यज्ञ के संचालन में कालीचरण शर्मा, उदयकिशोर मिश्रा, दिनेश पटेल, अरुण खंडागले, परमानंद द्विवेदी, इंद्रेश पथिक समेत उद्गाता बंधु ओंकार पाटीदार, हरिप्रसाद चौधरी, नारायण रघुवंशी, बसंत यादव, गणेश पवार, हेमंत ने अपने सुमधुर प्रेरणाप्रद प्रवचन व प्रज्ञा संगीत से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।
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आयोजन समिति ने व्यक्त किया आभार
कार्यक्रम के समापन पर स्थानीय प्रसाशन के सहयोग के लिए आयोजन समिति ने सभी को तिलक लगाकर सम्मानित किया। अश्वमेध यज्ञ रजत जयंती महोत्सव 251 कुंडीय गायत्री यज्ञ के संयोजक राजकुमार देवांगन, दानेश्वर शर्मा, कमलेश मिश्रा संरक्षक एसडी सिंह, कोषाध्यक्ष रोहितास कसेर, विनोद यादव, शोभना परसाई, संध्या अग्रवाल, आवास प्रभारी दीपक अग्रवाल, भोजनालय प्रभारी एमआर बरेठ, सीएल नायक, केआर पटेल की टीम सराईपाली से, पंजीयन प्रभारी रमाकांत साहू, यज्ञशाला प्रभारी डीके वर्मा समेत कोरबा, बिलासपुर, अंबिकापुर उपजोन, शक्तिपीठ प्रज्ञापीठ के सभी कार्यकर्ताओं व परिजनों का विशेष सहयोग रहा।जिसके लिए यज्ञ आयोजन समिति ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
Published on:
13 Nov 2019 07:01 pm
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