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आधा घंटे बाद बेटी-दामाद खोजते हुए पहुंचे
हाथी के हमले के बाद मृतक की बेटी-दामाद व नाति सुरक्षित जगह पर छिपे हुए थे। लगभग आधे घंटे बाद जब हाथी वहां से चले गए। तीनों ढूंढते हुए मौके पर पहुंचे। जहां पर बाइक गिरी थी उसके दूसरी तरफ जंगल की ओर खोजते हुए पहुंचे। जहां ग्रामीण की क्षत विक्षिप्त शव पड़ा हुआ था। कुछ देर में ग्रामीणों की भीड़ जमा हो गई। वन विभाग को सूचना दी गई। उसके बाद आगे की कार्रवाई बढ़ सकी।
इधर एसईसीएल कर्मी को भी पटका, बाल-बाल बचा
इधर एक एसईसीएल कर्मी भी हाथी के हमले से बाल-बाल बच गया। मंगलवार की देरशाम कोरबा वनपरिक्षेत्र के ढेंगुरडीह में रहने वाले कुंजराम 30वर्ष किसी काम से जंगल की ओर गया हुआ था। जहां उसका सामना दंतैल हाथी से हो गया। दंतैल से उसे उठाकर पटक दिया। हालांकि उसे अधिक चोटें नहीं आई। काफी देर तक मूर्छित अवस्था में वह पड़ा रहा। दंतैल के वापस लौटने के बाद वह घर पहुंचा। उसकी स्थिति सामान्य है।
हाथी के हमले से जिले में अब तक 12वीं मौत
हाथी के हमले से जिले में यह अब तक की 12वीं मौत है। 8 जहां कोरबा वनमंडल में तो वहीं 4 मौत कटघोरा वनमंडल में अब तक हो चुकी है। लगातार बढ़ रहे हाथियों के हमले से कोरबा वनमंडल सबसे अधिक प्रभावित है। वर्तमान समय में किसानों की समस्या बढ़ गई है। पके फसल को सुरक्षित रखने की चिंता सताने लगी है।