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कलेक्टर के फर्जी हस्ताक्षर से 15 से अधिक गांवों में बांटे पट्टे, प्रशासन में मचा हड़कंप

कोरबा : पाली ब्लॉक का मामला, पाली विकासखंड में जिन लोगों को वन अधिकार पत्र बांटा है, उस पर कोरबा की पूर्व कलेक्टर किरण कौशल, कटघोरा के तत्कालीन वनमंडल अधिकारी गुरुनाथन और आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त डीआर बंजारे के जाली हस्ताक्षर हैं।

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कोरबा. कलेक्टर और अन्य अधिकारियों के फर्जी हस्ताक्षर से कोरबा जिले में फर्जी वन अधिकार पत्र बांटने का मामला सामने आया है। मामला सामने आने के बाद प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है। इसकी गंभीरता को देखते हुए कलेक्टर ने पाली के अनुविभागीय दंडाधिकारी मनोज खांडे को पाली थाना में केस दर्ज कराने का आदेश दिया है। इसके लिए विभागीय प्रक्रिया शुरू हो गई है। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि रुपए लेकर ठगों ने कितने लोगों को जाली वन अधिकार पत्र प्रदान किया है।

यह है मामला
बताया जाता है कि एक दो सप्ताह पहले पाली विकासखंड के ग्राम मंगामार में रहने वाले कुछ लोगों ने गांव के पूर्व सरपंच छत्रपाल सिंह से वन अधिकार पत्र के लिए सम्पर्क किया। छत्रपाल की पत्नी हेमलता वर्तमान में मंगामार की सरपंच है। छत्रपाल ने अधिकार पत्र प्राप्त करने के लिए जरूरी प्रक्रिया से ग्रामीणों को अवगत कराया और इसमें लगने की बात कही। इस बीच एक ग्रामीण ने छत्रपाल को बताया कि कुछ लोगों ने वन अधिकार पत्र बहुत कम समय में प्राप्त कर लिया है।

इसके लिए रिश्वत दी है। ग्रामीण की बात सुनकर छत्रपाल को संदेह हुआ। उसने एक व्यक्ति से वन अधिकार पत्र मांगकर देखा और इसकी जानकारी वन अधिकार समिति के सदस्य सह जिला पंचायत सदस्य गणराज सिंह कंवर को दी। गणराज ने वन अधिकार पत्र असली वन अधिकार पत्र से मिलान किया। उसे अधिकारियों के हस्ताक्षर और सील मोहर में गडबड़ी मिली। वन अधिकार के पत्रक के नंबर की जांच की गई तो सरकारी रिकार्ड में उक्त पत्रक किसी और व्यक्ति के नाम पर दर्ज होना पाया गया। गणराज ने मामले की जानकारी कोरबा के अपर कलेक्टर विजेन्द्र पाटले और कलेक्टर संजीव झा को दी।

10 से 15 गांव में बांटे गए पत्रक
प्रारंभिक जानकारी के अनुसार ठगों ने पाली विकासखंड के ग्राम मंगामार, डोरकी, नोनबिर्रा, उड़ता और बासीबार के अलावा 10 से 15 गांव के लोगों को जाली वन अधिकार पत्रक बांटे हैं। इसमें ग्राम मंगामार के एक कपड़ा दुकान के अलावा कुछ कोटवारों की भूमिका संदिग्ध है। केस दर्जकर जांच होने पर फर्जीवाड़े की पूरी सच्चाई सामने आने की संभावना है।

मंगामार और नोनबिर्रा सहित कुछ गांव में फर्जी वन अधिकार पत्र बांटने की सूचना मिली है। इसकी जांच चल रही है। जल्द कार्रवाई होगी।
- मनोज खांडे, एसडीएम, पाली