
उगऽ हे सूरज देव भेलय भिनसरवा अरघ के रे बेरवा, पूजन के रे बेरवा...
इस दौरान सभी घाटों पर छठ पूजा के गीत बज रहे थे। कुछ घाटों पर महिलाएं छठ पूजा के गीत गा रही थीं। भगवान सूर्य की उपासना का महापर्व छठ कोरबा जिले में उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। पूजा का सामान खरीदने के लिए रविवार की सुबह बड़ी संख्या में लोग पुराना बस स्टैंड पहुंचे।
पान का पत्ता, सुपारी, अरता पत्ता, पानी फल, नारियल, सेब, केला, अन्नानास, कच्चा हल्दी और अद्रक सहित अन्य सामान लेकर घर लौटे। पूजा के लिए घरों में आम की लकड़ी से मिट्टी के चूल्हे पर ठेकुआ पकाया गया। इसमें गुड़ और आटा का प्रयोग किया गया। दोपहर बाद व्रती और उनके परिवार के सदस्य माथे पर बांस की टोकरी (दउरा) में सूप और पूजन सामाग्री लेकर छठ घाटों की ओर बढ़े। घाटों पर दउरा (बांस की टोकरी) को उतारा।
पूजा के सामान को सूप में सजाया। व्रतियों ने घाट पर पानी में उतरकर भगवान सूर्य की अराधना की। हाथ जोड़कर आदित्य से परिवार की सुख समृद्धि की कामना की।
इस दौरान घाटों पर छठ व्रतियों के अलावा बड़ी संख्या में श्रृद्धालु उपस्थित थे। माता-पिता के साथ बच्चे भी घाटों पर आए थे। सभी ने छठ मईया की पूजा कर भगवान सूर्य को प्रणाम किया। डूबने से पहले भगवान को व्रतियों ने अर्घ्य अर्पित किया। सूर्य ढलने पर पूजा की सामग्री को दउरा में रखकर घरों की ओर रवाना हुए। रास्ते में महिला छठ मईया की महिमा अपार..., उगऽ हे सूरज देव भेलय भिनसरवा अरघ के रे बेरवा... जैसे लोक गीत को गा रही थीं।
आदित्य की पूजा के साथ पूजा समाप्त
छठ मईया की पूजा रात को घरों में होगी। दीया जलाकर कोसी भरी जाएगी। छठ मईया से परिवार की सूख समृद्धि की कामना की जाएगी। सोमवार सुबह उगते हुए सूर्य को अर्घ्य अर्पित करने के साथ छठ महापर्व समाप्त हो जाएगा
उपनगरीय क्षेत्रों में उमड़े श्रद्धालु
छठ पूजा को लेकर उपनगरीय क्षेत्रों में भी श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। कोरबा के अलावा बालकोनगर, ढेंगुरनाला, दर्री, कुसमुंडा, बांकीमोंगरा और दीपका के बड़े शिव मंदिर में आसपास के श्रद्धालु बड़ी संख्या में पहुंचे। व्रतियों ने विधि विधान से छठ मईया की पूजा कर सूर्य को अर्घ्य दिया।
Published on:
20 Nov 2023 11:53 am
बड़ी खबरें
View Allकोरबा
छत्तीसगढ़
ट्रेंडिंग
