पूरा परिवार सुरक्षित जगह पर, फिर भी स्वीच ऑन किया इसलिए मामला गंभीर
भले महादेव राठिया का कहना है कि उसने अपने व परिवार की सुरक्षा के लिए तार बिछाया था। और उसकी स्वीच चालू कर दी थी, लेकिन बड़ा सवाल उठा रहा है कि जब वह और उसका परिवार सुरक्षित जगह पर जा चुका था। फिर भी उसे करंट चालू करने की जरूरत क्यों पड़ी। यही वह एक पहलू है जिससे उसके खिलाफ हाथी को मारने के लिए जिम्मेदार ठहरा सकता है। वन विभाग को पहले उसने करंट के सम्बंध में कोई जानकारी नहीं होना बताया था। लेकिन बाद में उसने यह कबूल किया।
हाथी-मानव द्वंद, किसी न किसी की जान पक्की
पिछले कई साल से हाथी व मानव के बीच एक अघोषित तौर पर द्वंद कोरबा के जंगलों में चल रहा है। अधिकांश मामलों में मानव हाथी की चपेट में आ रहा है। तो कई बार मानव के बिछाएं जाल में हाथी लपेटे में आकर अपनी जान से हाथ धो रहे हैं। विषेशज्ञों की मानें तो इसके लिए सिर्फ व सिर्फ हाथी अभ्यारण बनाना एक मात्र विकल्प है। जो कि पहले बालको क्षेत्र के नकिया, विमलता से लेकर लेमरू तक प्रस्तावित था। लेकिन बाद मेेंं इस क्षेत्र में कोयला की उपस्थिति दर्ज होते ही सरकार ने अभ्यारण की पूछ परख तक नहीं की।
-वेटनरी डॉक्टरों से अब तक पीएम रिपोर्ट नहीं मिल सका है। गांव में अन्य ग्रामीणों से भी बयान दर्ज किया जा रहा है। जिसके बाद भी आगे की कार्रवाई हो सकेगी।
-एम फारूर्खी, रेंजर, बालको।