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शहर सौंदर्यीकरण पर नहीं लग पाया चार चांद, खूबसूरती की बजाय धब्बे की तरह लगने लगे हैं ये पेंटिंग व कलाकृतियां

City beautification: शहर की बदरंग दीवारों से लेकर सार्वजनिक स्थलों को आकर्षक रूप दिखाने के लिए नगर निगम ने शहर के कई जगहों पर लाखों रुपए खर्च कर पेंटिंग के साथ-साथ अलग-अलग कलाकृतियां तैयार की गई थी, लेकिन देखरेख के अभाव में इनकी स्थिति बदहाल होने लगी है।

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शहर सौंदर्यीकरण पर नहीं लग पाया चार चांद, खूबसूरती की बजाय धब्बे की तरह लगने लगे हैं ये पेंटिंग व कलाकृतियां

शहर सौंदर्यीकरण पर नहीं लग पाया चार चांद, खूबसूरती की बजाय धब्बे की तरह लगने लगे हैं ये पेंटिंग व कलाकृतियां

कोरबा. दो साल पहले नगर निगम कोरबा द्वारा खनिज न्यास मद से यह प्रस्ताव लाया गया था कि शहर की मुख्य मार्गों की दीवारों में पेंटिंग के साथ-साथ कलाकृतियां बनाकर स्वरूप बदला जाएगा। निगम ने चार-पांच जगहों पर इस तरह सौंदर्यीकरण भी कराया। हर बार की तरह इस बार भी निगम ने लाखों रुपए खर्च तो कर दिए, लेकिन देखरेख को लेकर गंभीर नहीं हुए। अब स्थिति ऐसी हो गई है कि लाखों की पेंटिंग पर धूल की चादर बिछ गई है, तो वहीं कलाकृतियां कई जगह से टूट चुकी है। खूबसूरती की बजाए अब ये धब्बे की तरह दिखाई देने लगे हैं।

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इन जगहों पर पेंटिंग व कलाकृतियां बनाई गई थी
-मिनीमाता कॉलेज के सामने
-आइटीआई चौक
-सर्वमंगला मंदिर तिराहा
-ध्यानचंद चौक
-टीपीनगर मार्ग
-बुधवारी बाजार कोरबा

50 लाख रूपए किए गए थे खर्च
पेंटिंग व कलाकृतियों के बनाने के पीछे 50 लाख से अधिक खर्च किए गए थे। एक जगह पर पेंटिंग व कलाकृतियां बनाने पर नगर निगम द्वारा साढ़े सात लाख रूपए खर्च किए गए थे। कुछ जगहों पर पहले काम शुरु नहीं हो सका था। नगर निगम ने अब रेलवे स्टेशन नहर मार्ग के दीवारों पर भी पेंटिंग कराने की तैयारी शुरु कर दी है।

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बजट बड़ा, लेकिन काम हो रहा घटिया क्वालिटी का
साढ़े सात लाख रूपए का बजट होने के बाद भी क्वालिटी बेहद घटिया स्तर की हुई थी। आखिर ऐसी कौन सी वॉल पेंट उपयोग में लायी जा रही है कि पहली बारिश में इसकी चमक फीकी पड़ जा रही है। हर बार रंगरोंगन कुछ ही दिन तक रहती है। एक बार काम होने के बाद रखरखाव को लेकर ध्यान नहीं दिया जाता है।