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स्वास्थ्य कर्मियों की हड़ताल! व्यवस्था प्रभावित केंद्रों में लटके ताले, 750 कर्मी नहीं पहुंचे काम पर…

CG Strike: कोरबा जिले में वेतन बढ़ोत्तरी सहित अन्य मांगों को लेकर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के कर्मचारियों की हड़ताल का कोरबा में असर दिखने लगा है।

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एनएचएमकर्मियों पर सख्ती (Photo source- Patrika)

एनएचएमकर्मियों पर सख्ती (Photo source- Patrika)

CG Strike: छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में वेतन बढ़ोत्तरी सहित अन्य मांगों को लेकर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के कर्मचारियों की हड़ताल का कोरबा में असर दिखने लगा है। पहले दिन कई स्वास्थ्य केंद्रों में ताले लटके रहे।

दफ्तर में काम करने वाले कर्मचारी भी नहीं पहुंचे। मांगों के समर्थन में 750 कर्मचारियों ने खुद को स्वास्थ्य विभाग के कार्यों से दूर रखा। इस बीच तीन दिन की अवकाश के बाद जब सोमवार को सरकारी अस्पताल खुले तो मरीजों की भीड़ लग गई। मेडिकल कॉलेज अस्पताल में तो व्यवस्था चरमराने लगी।

CG Strike: एनएचएम केे कर्मचारियों ने घंटाघर चौक पर किया प्रदर्शन

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अंतर्गत कार्यरत संविदा अधिकारी व कर्मचारी सोमवार को हड़ताल पर चले गए। 10 सूत्रीय मांगों के समर्थन में सुबह 11 बजे घंटाघर चौक पर एकत्र हुए। मांगों के समर्थन में कर्मचारियों ने नारेबाजी किया। प्रदर्शन शाम पांच बजे तक जारी रहा। इसमें एनएचएम के संविदा पद पर कार्यरत डॉक्टर, नर्स स्टॉफ, लैब टेक्निशियन, फार्मासिस्ट, काउंसलर, आरएमए, एएनएम सहित 750 से अधिक स्वास्थ्य कर्मचारी ड्यूटी पर नहीं पहुंचे।

इससे कई शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित आयुष्मान आरोग्य मंदिर (स्वास्थ्य केंद्र) में ताला लटका रहा, तो कई स्वास्थ्य केंद्र खुले, लेकिन यहां डॉक्टर, लैब टेक्निशियन, स्टॉफ नर्स नहीं थे। इसकी वजह से मरीजाें को समय पर इलाज नहीं मिला और उन्हें लंबी दूरी तय कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल कोरबा और नजदीकी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचना पड़ा। इससे दिन चढ़ने के साथ ही मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ती चली गई। दोपहर लगभग 12 बजे ओपीडी पर्ची काउंटर के सामने मरीजों की भीड़ उमड़ पड़ी।

कोरबा एनआरसी के सभी बेड खाली

ओपीडी पर्ची के लिए मरीज और उनके परिजन लंबी कतार में खडे़ होकर एक से डेढ़ घंटे तक पर्ची लेने के लिए इंतजार करते रहे। लेकिन कुछ विभाग में डाक्टर नहीं होने की वजह से दूसरे विभाग के डॉक्टर के पास प्राथमिक उपचार की सलाह लिए।

वहीं दवाई वितरण काउंटर में भी मरीज और परिजनों की लंबी कतार ने लोगाें को परेशान किया। इस दौरान मरीज और परिजनों को काफी असुविधा का सामना करना पड़ा। इसी तरह की स्थिति पुराना शहर स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भी रही। हड़ताल जारी रही तो इसका और असर स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ना तय माना जा रहा है।

काली पट्टी लगाकर करेंगे विरोध प्रदर्शन

संघ के पदाधिकारी ने बताया कि प्रदेश सरकार राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अंतर्गत कार्यरत संविदा के एनएचएम कर्मचारियों की संविलियन एवं स्थायीकरण, पब्लिक हेल्थ कैडर की स्थापना, ग्रेड पे निर्धारण, लंबित 27 प्रतिशत वेतन वृद्धि सहित 10 सूत्रीय मांगों पर पहल नहीं कर रही है। इसे लेकर कर्मचारियों में नाराजगी है। सरकार संघ की मांग को जब तक पूरा नहीं करेगी, तब तक कर्मचारियों की हड़ताल जारी रहेगी। मंगलवार को कर्मचारी अंधकारमय संविदा जीवन की थीम पर काली पट्टी लगाकर धरना प्रदर्शन करेंगे।

फिजियोथेरेपिस्ट विभाग में खाली रही डॉक्टरों की कुर्सियां

मेडिकल कॉलेज अस्पताल के फिजियोथेरेपिस्ट विभाग में डॉक्टरों की कुर्सियां खाली रही। डॉक्टर हड़ताल पर रहे। इसकी वजह से अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों को बेरंग ही वापस लौटना पड़ा। इसके अलावा सेंट्रल लैब में भी ब्लड, शुगर, यूरिन सहित विभिन्न बीमारियों की जांच के लिए मरीजों की भीड़ रही। मरजी लैब के बाहर बैठकर अपनी बारी का इंतजार करते रहे।

मेडिकल कॉलेज अस्पताल में संचालित पोषण पुर्नवास केंद्र में कुपोषित बच्चों की देखरेख और इलाज के लिए 10 बेड हैं। एनएचएम कर्मचारियों के हड़ताल की वजह स्वास्थ्य विभाग ने पिछले दो से तीन दिनों के भीतर एक भी कुपोषित बच्चों को भर्ती नहीं किया गया, वहीं जो बच्चे इलाज के लिए भर्ती थे, उन्हें कर्मचारियों की कमी को देखते हुए छुट्टी दे दी गई। इसकी वजह से सोमवार को कोरबा एनआरसी के सभी बेड खाली रहे।