
इस वजह से अस्पतालों के बेड होने लगे खाली, निजी अस्पतालों में बढ़ा दबाव
प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के आह्वान पर जिले के स्वास्थ्य कर्मचारी चौथे दिन भी हड़ताल पर रहे। कर्मियों के हड़ताल पर जाने के बाद से सरकारी अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाएं प्रभावित हो रही है। इस कारण मरीज सरकारी अस्पताल जाने से बच रहे हैं।
मेडिकल कॉलेज सह जिला अस्पताल में ही आईपीडी और ओपीडी में मरीजों की संख्या कम हो गई है। जिला अस्पताल के ओपीडी काउंटर में सोमवार लगभग 600 से अधिक मरीजों ने इलाज कराने के लिए पर्ची प्राप्त किए। इसके बाद मरीजों की संख्या कम हो गई।
लगभग 350 से 400 मरीज अस्पताल पहुंच रहे हैं। इसके अलावा आईपीडी में भी मरीजों की संख्या कम होने लगी है। पहले से भर्ती मरीज के स्वस्थ्य होने के बाद नए मरीजों की संख्या कम हो गई है। इस कारण अस्पताल के ज्यादातर वार्डो में बेड खाली होने लगी है। जबकि अस्पताल में रोजाना आईपीडी में इलाज के लिए लगभग 60 से 70 मरीज पहुंचते हैं।
इलाज अस्पताल में, एक्स-रे व खून की करा रहे जांच बाहर से
मरीजों ने बताया कि ओपीडी में चिकित्सक उपचार के लिए दवाईयों के साथ एक्स-रे, खून जांच व सोनोग्राफी सहित अन्य जांच की सलाह दे रहे हैं। जल्द ही रिपोर्ट की मांग कर रहे हैं, लेकिन अस्पताल में स्वास्थ्य कर्मियों की वजह से रुटिन के जांच बंद है। मरीजों को निजी लैब, क्लिनिक पहुंच रहे हैं। इससे उन्हें काफी असुविधा हो रही है। इस कारण मरीज अब निजी अस्पताल की ओर रुख कर रहे हैं। इससे मरीजों को काफी रुपए खर्च करने पड़ रहे हैं।
Updated on:
09 Jul 2023 04:40 pm
Published on:
09 Jul 2023 11:56 am
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