
Korba News: एसईसीएल की गेवरा खदान में कार्य के दौरान हुई लापरवाही ने मजदूर की जान ले ली। मजदूर की मौत हो गई। मजदूर पहले ही दिन एक निजी कंपनी के लिए ब्रेकडाउन साइलो में काम के लिए पहुंचा था। नाराज ग्रामीणों ने खदान के भीतर घुसकर हंगामा किया। मृतक के परिवार के लिए आर्थिक मुआवजा मांगा। ग्रामीण इस बात से ज्यादा नाराज थे कि घटना के तत्काल बाद परिवार को सूचना नहीं दी गई बल्कि इसे कई घंटे तक छिपाया गया।
एसईसीएल की मेगा प्रोजेक्ट गेवरा में साइलो ब्रेकडाउन होने के कारण मंगलवार को मजदूर काम कर रहे थे। इसमें ग्राम नेवसा का रहने वाला वीरेंद्र कुमार पटेल उम्र 34वर्ष भी शामिल था। वीरेंद्र कार्य कर रहा था, इसी बीच साइलो से लोहे का एक प्लेट उसके उपर गिरा। वीरेंद्र के सिर और शरीर में गंभीर चोटें आई। उसे आनन-फानन में साइलो से नेहरू शताब्दी चिकित्सालय पहुंचाया गया।
हालत गंभीर होने पर डॉक्टर ने वहां से हायर सेंटर रेफर कर दिया। तब घायल को एक निजी अस्पताल में भर्ती किया गया लेकिन वहां भी डॉक्टर वीरेंद्र की स्थिति को लेकर संतोषजनक जवाब नहीं दिया। तब मजदूर को कोरबा मेडिकल कॉलेज अस्पताल लाया जा रहा था। रास्ते में मजदूर वीरेंद्र ने दम तोड़ दिया। अस्पताल पहुंचते ही डॉक्टर ने परीक्षण कर वीरेंद्र को मृत घोषित कर दिया।
इसकी सूचना अस्पताल पुलिस चौकी को दिया। लगभग 4.30 बजे पुलिस को गेवरा के साइलो में मजदूर के मौत की खबर मिली। इसी बीच वीरेंद्र के परिवार को घटना की जानकारी हुई। परिवार के सदस्यों ने अपने स्तर पर पतासाजी की तो उन्होंने हादसे को सही पाया और इसके बाद घटना की जानकारी आसपास के लोगों को दिया। परिवार और गांव के लोग इस बात से नाराज थे कि कंपनी ने कार्य के दौरान हुए हादसे की जानकारी कई घंटे तक छिपाकर रखा। देर शाम उन्हें इसकी सूचना मिली।
आक्रोशित ग्रामीण एकजुट होकर दीपका के श्रमिक चौक पहुंचे। ग्रामीणों ने हंगामा किया और खदान के भीतर घुसकर घटना स्थल तक चले गए। वहां बैठकर धरना प्रदर्शन शुरू किया। इसकी सूचना मिलते ही कटघोरा विधायक प्रेमचंद पटेल भी देर शाम घटना स्थल पहुंचे। उन्होंने परिवार और प्रबंधन से बातचीत कर रास्ता निकालने की कोशिश की। लेकिन मृतक का परिवार आर्थिक सहायता की मांग को लेकर लगातार अपनी बातों पर अड़ा हुआ था। इस कारण समाचार लिखे जाने तक कोई निष्कर्ष नहीं निकल सका था।
एसईसीएल ने कोयला लोडिंग के लिए गेवरा में साइलो का निर्माण कराया है। यहां से रेल रैक और सड़क मार्ग से ढोने वाली गाड़ियों को कोयला दिया जाता है। साइलो में तकनीकी गड़बड़ी के कारण काम नहीं हो रहा था, साइलो ब्रेकडाउन था। इसे चालू करने के लिए मुख्य ठेका कंपनी ने अपने अधीन पेटी ठेकेदार को रखकर मरम्मत का कार्य दिया था। मंगलवार को ग्राम नेवसा का रहने वाला वीरेंद्र कुमार पटेल पिता होरीलाल पटेल साइलो में मरम्मत का कार्य करने गया था। जब वह कार्य कर रहा था, इसी बीच उपर से लोहे का एक प्लेट टूटकर वीरेंद्र पर गिरा। वीरेंद्र को गंभीर चोटें आई और वह बेहोश हो गया।
बताया जाता है कि वीरेंद्र से काम कराने के लिए ठेका कंपनी ने उसे प्रबंधन के माध्यम से वोकेशनल ट्रेनिंग भी नहीं दिया था। बिना प्रशिक्षण लिए वीरेंद्र घटना स्थल पर काम कर रहा था। यह भी बात सामने आई है कि वीरेंद्र मंगलवार को पहली बार काम पर पहुंचा था।
Published on:
16 Oct 2024 02:19 pm
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