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जीजा ने साले संग मिलकर आयकर को लगाया आठ करोड़ का चूना, चेन्नई से हुई गिरफ्तारी

फार्म-16 में हेराफेरी करके आयकर विभाग को करीब आठ करोड़ रुपए का चूना लगाने वाले जीजी और साले को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।

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Piyushkant Chaturvedi

Aug 02, 2017

Together with brother-in-law, eight million rupees

Together with brother-in-law, eight million rupees fraud in income tax department

कोरबा.
फार्म-16 में हेराफेरी करके आयकर विभाग को करीब आठ करोड़ रुपए का चूना लगाने वाले जीजी और साले को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।


साले की गिरफ्तारी चेन्नई और जीजा छत्तीसगढ़ के चिरमिरी में पकड़ा गया है। फार्म- 16 में हेराफेरी करके आयकर विभाग को करीब आठ करोड़ रुपए की चपत लगाने का मामला पिछले साल उजागर हुआ था।


धोखाधड़ी और कूटरचना का केस दर्ज करके पुलिस मामले की जांच रही है। पुलिस ने चेन्नई से गिरोह के सरगना सीमांचल प्रधान को गिरफ्तार किया है। इसका जीजा सूर्यकांत नाहक चिरमिरी से पकड़ा गया है।


पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया है। पूछताछ में पता चला है कि सीमांचल गिरोह का सरगना है। सूर्यकांत के जरिए छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में आयकर रिफंड कराने के नाम पर करीब आठ करोड़ रुपए की हेराफेरी किया है।


मामले के तीन आरोपी शाहनवाज अख्तर, ललीत राठौर और भगवान गौर को पुलिस पहले की गिरफ्तार कर चुकी है। सीमांचल और सूर्यकांत की गिरफ्तारी चौथी और पांचवी गिरफ्तारी है।


नौ लाख रुपए की कार जब्त
- हेराफेरी कर सीमांचल ने नौ लाख रुपए से एक स्पोटर्स कार खरीदी। इसे पुलिस चेन्नई से जब्त कर कोरबा ले आई है। कार को दीपका थाने मेंं रखा गया है। पुलिस ने सीमांचल की लेपटॉप और मोबाइल फोन भी जब्त किया है।


कटघोरा जेल भेजा गया
- पूछताछ के बाद पुलिस ने आरोपियों को कटघोरा की एक कोर्ट में पेश किया। यहां जेल भेज दिया गया।


ऐसी की धोखाधड़ी
- सीमांचल चेन्नई के जज कॉलोनी में रहता है। उसका जीजा सूर्यकांत कोरिया जिले के चिरमिरी में रहता है। सूर्यकांत ने एसईसीएल की कोयला खदानों में काम करने वाले कर्मचारियों का 30 से 50 फीसदी कमीशन पर आयकर विभाग से टैक्स रिफंड कराने का झांसा दिया।


कोरबा के दीपका गेवरा में काम करने वाले कर्मचारियों को भी झांसे में लिया। पैसा रिफंड पाने के लिए लोगों ने सूर्यकांत को अपना फार्म- 16 उपलब्ध कराया। सूर्यकांत ने फार्म सीमांचल तक पहुंचा। सीमांचल ने फार्म-16 में काटछांट किया। कर्मचारियों की आय को वास्तविक आय से कम बताकर आयकर से टैक्स रिफंड कराया।

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