
Kusmunda Mine Accident: एसईसीएल के कुसमुंडा खदान में शनिवार शाम लैंड स्लाइडिंग से मलबे में दबे अंडर मैनेजर जितेन्द्र नागरकर की तलाश जारी है। लेकिन घटना स्थल तक पहुंचने के लिए रास्ता बंद होने के कारण राहत दल को परेशानी आ रही है। मलबा हटाने के लिए अलग-अलग स्थान से रेस्क्यू टीम बुलाई गई है।
घटना शनिवार शाम लगभग 4.30 बजे की बताई जा रही है। कुसमुंडा खदान ( Kusmunda Mine Accident ) में गोदावरी फेस जो ग्राम बरपाली और खोडरी के बीच स्थित है, पर काम चल रहा था। इस बीच मौसम खराब हुआ। आसमान में छाए काले बाद बरसने लगे। लगभग आधा घंटा तक भारी बारिश हुई।
इससे बचने के लिए खदान में काम कर रहे अंडर मैनेजर जितेंद्र नागरकर, सीनियर ओवरमेन सहित छह लोग बारिश से बचने के लिए ओवरबर्डन क्षेत्र में बनाए गए एक गुमटी जाकर शरण लिया। धीरे-धीरे बारिश बंद हुई तो पांचों कोलकर्मी एक-दूसरे का हाथ पकड़कर गुमटी से बाहर निकल रहे थे। इस बीच ओवरबर्डन से बारिश के पानी के साथ मलबा तेज रफ्तार से नीचे की ओर बढ़ा।
सैलाब इतना तेज था कि जब तक कोल कर्मी कुछ समझ पाते तब तक जितेंद्र नागरकर को बहाकर सैलाब अपने साथ ले गया। साथ में मौजूद पांच अन्य कोल कर्मी इधर-उधर छिटक गए। ( Chhattisgarh Accident ) उन्होंने घटना की सूचना आसपास के लोगों को दिया। प्रबंधन को अवगत कराया गया।
प्रबंधन से जुड़े आला अधिकारी घटना स्थल पर पहुंचे और घटना की जानकारी ली। मलबे में दबे अंडर मैनेजर जितेंद्र की तलाश के लिए एसईसीएल का खान सुरक्षा दल मौके पर पहुंचा, लेकिन मलबा इतना अधिक था कि सुरक्षा दल के सदस्य घटना स्थल तक नहीं पहुंच पाए। तलाश में मदद के लिए राज्य आपदा प्रबंधन विभाग कोरबा की टीम बुलाई गई। बिलासपुर से भी आपदा प्रबंधन विभाग की टीम के देर रात तक कोरबा पहुंचने की संभावना है।
इधर घटना को लेकर एसईसीएल प्रबंधन ने बताया है कि घटना में पांच लोगों की जान सुरक्षित बची है। सहायक प्रबंधक माइनिंग जितेंद्र नागरकर की तलाश जारी है। प्रबंधन का कहना है कि नागरकर बहाव में बह गए हैं। एसडीआरएफ की टीम के साथ मिलकर स्थानीय प्रबंधन घटना स्थल पर राहत और बचाव कार्य में जुटा हुआ है। इसके लिए अलग-अलग क्षेत्रों से बचाव दल को बुलाया गया है। प्रबंधन ने बताया कि बारिश के कारण ओवरबर्डन में पानी निकासी के लिए बनाया गया ह्यूम पाइप में मलबा जाम हो गया था, जिसके कारण घटना हुई।
घटना में एक सीनियर ओवरमेन को आंशिक चोटें आई है। उसे प्राथमिक उपचार के बाद हायर सेंटर रेफर किया गया है। बताया जाता है कि अंडर मैनेजर जितेंद्र नागरकर और उनके साथ मौजूद चार अन्य कोल कर्मी बारिश से बचने के लिए गुमटी के भीतर शरण लिए हुए थे। बारिश थमने पर सभी धीरे-धीरे बाहर निकल रहे थे। उन्होंने एक-दूसरे का हाथ पकड़ा हुआ था। सामने चल रहे एक कोल कर्मी के पीछे नागरकर चल रहे थे।
उनके पीछे तीन अन्य कोल कर्मी थे। इसी बीच ओवरबर्डन से बारिश का पानी और मिट्टी सैलाब बनकर आया। घटना के समय जितेंद्र ने गमबूट पहना हुआ था। उनका बूट मलबे में फंस गया इसके साथ ही अन्य कोल कर्मियों से उनका हाथ छूट गया। सैलाब का एक और झोंका आया जो उसे बहा ले गया। घटना स्थल पर अफरा-तफरी मच गई। देखते ही देखते चार कोल कर्मियों के सामने अंडर मैनेजर मलबे में दब गया।
Published on:
28 Jul 2024 03:09 pm
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