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गिट्टी की जगह नदी से बोल्डर उठाकर डाले, ऊपर से सीमेंट डालकर थूक पॉलिसी

कोरबा. भ्रष्टाचार का चरम देखिए। १० लाख के एक पुल का काम ग्राम पंचायत को मिलता है। सरपंच-सचिव पुल निर्माण के लिए गिट्टी के बजाए नदी से बोल्डर उठाकर डाल देते हैं। ऊपर से सीमेंट का घोल डाल दिया जाता है। अंदर लोहे की रॉड तक नहीं डाली जाती। मामला कोरबा जनपद पंचायत के ग्राम गुरमा ग्राम पंचायत का है

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10 लाख के पुल के बिम में लोहे के छड़ का एक टुकड़ा तक नहीं

10 लाख के पुल के बिम में लोहे के छड़ का एक टुकड़ा तक नहीं

धनपुरी से ढेंगुरडीह मार्ग पर दो पुल स्वीकृत हुए थे। दोनों की लागत 10-10 लाख रूपए स्वीकृत की गई थी। पुल निर्माण के लिए एजेंसी ग्राम पंचायत गुरमा थी। सचिव और सरपंच द्वारा इस भ्रष्टाचार के पुल का निर्माण कर रहे थे। पुल के बिम में अंदर पीसीसी किया जाता है। फिर इसके ऊपर लोहे के छड़ का बिम बांधा जाता है। फिर इसके ऊपर गिट्टी और सीमेंट का मिक्सर डाला जाता है ताकि लोहे के छड़ और गिट्टी सीमेंट के बीच अच्छी पकड़ बनी रहे। पुल मजबूत रहे। वर्षों तक लोगों के काम आए। सचिव और सरपंच मिलकर इस पुल पर भ्रष्टाचार की परत चढ़ाने में लगे हुए थे। बिम में छड़ नहीं डाला गया था। नीचे बड़े-बड़े चिकने बोल्डर को डालकर उसके ऊपर सीमेंट का पतला घोल डाल दिया जा रहा था। सीमेंट सुखने के बाद ऊपर से पानी तरई कर काम पूरा कर राशि डकराने की कोशिश थी।

चार दिन पहले बोल्डर हटाने को कहा, फिर भी नहीं माने
इस मामले की शिकायत हुई थी। चार दिन पहले ही पीओ ने बोल्डर हटाकर उसकी जगह गिट्टी डालने को कहा था, लेकिन इसके बाद भी काम लगातार जारी था। बोल्डर हटाने के बजाए लगातार डाला जा रहा था। सचिव और सरपंच द्वारा पुल के निर्माण के दौरान आवश्यक फोटो भी वेबसाइट पर नहीं डाला जा रहा था।

कहां थे तकनीकी सहायक?
सबसे बड़ा सवाल तो यही उठ रहा है कि तकनीकी सहायक कहां थे। तकनीकी सहायकों के निगरानी में ही काम चल रहा था। अगर मामले की शिकायत नहीं हुई होती तो ये काम पूरा कर पैसे भी निकाल लिए जाते। जबकि काम शुरु होने से पहले स्थल निरीक्षण, फाउंडेशन खोदते समय, ढलाई के दौरान तकनीकी सहायकों का मौके पर रहना जरुरी है। अगर किसी काम से तकनीकी सहायक नहीं पहुंच पाते हैं तो जीपीएस फोटो खींचकर भेजना जरुरी होता है इसके आधार पर ही काम आगे बढ़ता है।

वर्जन
ये गंभीर मामला है, हमें जानकारी मिलने के बाद काम को बंद करवा दिया गया है। अब तक एक भी रूपए जारी नहीं किए गए हैं। जो भी काम कराया गया है उसे हटवाकर नए सिरे से काम शुरु कराया जाएगा। जिम्मेदारों के खिलाफ जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
सुरेश यादव, कार्यक्रम अधिकारी, मनरेगा, कोरबा