
कोरबा . पेड़ के नीचे पत्नी और तीन नतिनी के साथ १९ दिन और उतनी ही रातें गुजार चुके भू- विस्थापित सुखराम को प्रशासन बसाहट उपलब्ध नहीं करा सका है। मामला तुल पकड़ता देख प्रशासन ने विजय नगर में बसाहट खोजने की बात कही है। इसके लिए भू- विस्थापित से 15 दिन का वक्त मांगते हुए पेड़ के नीचे से हटने के लिए कहा है, लेकिन परिवार ने बसाहट मिलने तक पेड़ के नीचे दिन रात गुजारने की बात फिर दोहराई है। इससे प्रशासन और एसईसीएल पर कार्रवाई का दवाब बढ़ गया है।
रविवार को उप तहसील हरदीबाजार के अधीन पदस्थ महिला पटवारी जयश्री भारती ने सुखराम से मुलाकात की। भू- विस्थापित परिवार से पेड़ छोड़कर किसी अन्य स्थान पर जाने के लिए कहा। यह भी बताया कि प्रशासन बसाहट खोजने की कोशिश में लगा है। इसमें १५ दिन का वक्त लग सकता है। महिला पटवारी ने बसाहट उपलब्ध कराने के लिए १५ दिन का समय मांगा।
यह भी बताया कि सुखराम को विजय नगर में बसाहट उपलब्ध कराने की कोशिश की जा रही है, लेकिन सुखराम ने यह कहकर पेड़ के नीचे से हटने से मना कर दिया कि जब तक उसे बसाहट उपलब्ध नहीं कराई जाएगी, वह नहीं उठेगा। महिला पटवारी ने मोबाइल पर सुखराम की बात नायब तहसीलदार अभिषेक राठौर से कराई। लेकिन बात नहीं बनी। इसके बाद पटवारी लौट गई। रविवार को भी परिवार ने पूरा दिन पेड़ के नीचे बिताई।
पुलिस ने शुरू की शिकायत की जांच
इधर, पुलिस ने सुखराम के शिकायत की जांच शुरू कर दी है। इसमें सुखराम ने बताया है कि मकान तोडऩे पर मुआवाजा और बसाहट के लिए जमीन उपलब्ध कराने का झांसा गेवरा के एक अफसर ने दिया गया था। मकान तोड़कर सूचना देने गेवरा कार्यालय पहुंचा।
वहां बताया गया कि सूखराम को ८० के दशक में बसाहट मिल गया है। अफसर की बातें सुनकर सुखराम हैरान हो गया था। अफसर और सुखराम के बीच विवाद की स्थिति निर्मित हुई थी। सुखराम का आरोप है कि उसे अफसर ने अपमानित कर दफ्तर से बाहर निकाल दिया था। पुलिस से झूठी शिकायत की धमकी दी थी। पुलिस सुखराम के शिकायत की जांच कर रही है। पुलिस का कहना है कि शिकायत सही पाई गई तो अफसर के खिलाफ अपराधिक केस दर्ज किया जाएगा।
Published on:
13 May 2018 05:56 pm
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