
कोरबा . कोल इंडिया ने नई तबादला नीति जारी कर दी है। इसके अनुसार हर साल चार हजार और पांचवें साल २० हजार कर्मचारियों के तबादले होंगे। नई नीति का मकसद भष्टाचार पर अंकुश लगाना बताया जा रहा है। कोल इंडिया के कंपनी सेक्रेटरी एम विश्वनाथन के हस्ताक्षर से अधिसूचना जारी की गई है।
कोलकाता में हुई कोल इंडिया की ३६०वीं बोर्ड मीटिंग में नई तबादला नीति को मंजूरी मिली थी। इसके बाद नई नीति को लागू किया गया है। नई नीति का मकसद कोल इंडिया और उसकी अनुषांगिक कंपनियों में भष्टाचार की रोकथाम करना है। नई पॉलिसी लागू के बाद एक कंपनी, एरिया या कॉलरी में एक साल या पांच साल तक जमे रहना कठिन हो जाएगा। हालांकि इस नीति को कोल इंडिया और उसकी अनुषांगिक कंपनियों में कितना पालन होगा? यह वक्त बताएगा।
एक कॉलरी में पांच साल से अधिक नहीं
१५ साल बाद कोल इंडिया की नई तबादला नीति आई है। इसके अनुसार एक अधिकारी एक कॉलरी में पांच साल से अधिक नहीं रह सकता है। एरिया में पदस्थापनाा की अधिकतम अवधि 10 साल तक रखी गई है। एक कंपनी में अधिकतम 15 साल की सर्विस के बाद अधिकारियों को दूसरी कंपनी में स्थानांनतरित किया जाएगा। वर्तमान में कई अधिकारी एक ही एरिया में लंबे समय से पदस्थ हैं।
हाउस लोन की सीमा बढ़कर 30 लाख हुई
बोर्ड की बैठक में हाउस बिल्डिंग लोन की प्रक्रिया में भी बदलाव किया गया है। अब कोलकर्मियों को आवास बनाने या खरीदने के लिए ३० लाख रुपए तक एडवांस देने का निर्णय लिया है। बोर्ड की ३६० बैठक मेें यह निर्णय लिया गया है। इसमें हाउस बिल्डिंग स्कीम में संशोधन को मंजूरी दी गई है। अभी तक इस योजना के तहत ढाई लाख रुपए लोन मिलता है। लेकिन इस लोन के लिए कंपनी ने कुछ शर्ते भी जोड़ी है। इसके अनुसार कंपनी में प्रोविजन पीरियड को छोड़कर पांच साल की सर्विस पूरी करने वालों को ही अधिकतम ३० लाख रुपए तक लोन मिलेगा। नई शर्त के अनुसार केन्द्र या राज्य सरकार में प्रतिनियुक्ति पर जाने वाले कर्मचारियों को लाभ नहीं मिलेगा।
Published on:
13 May 2018 01:24 pm
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