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CG SCHOOL : एसईसीएल गेवरा खदान में हैवी ब्लास्टिंग, कंपन से स्कूल के छज्जे का गिरा प्लास्टर

CG SCHOOL: एसईसीएल गेवरा के कोयला खदान में ग्रामीणों के लगातार विरोध और अधिकारियों के आश्वासन के बाद भी हैवी ब्लास्टिंग का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। सोमवार को खदान में हैवी ब्लास्टिंग किये जाने से हायर सेकेंडरी स्कूल के छत का प्लास्ट टूटकर गिर गया। गनीमत रही कि घटना के दौरान वहां कोई मौजूद नहीं था।

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CG SCHOOL : एसईसीएल गेवरा खदान में हैवी ब्लास्टिंग, कंपन से स्कूल के छज्जे का गिरा प्लास्टर

CG SCHOOL : एसईसीएल गेवरा खदान में हैवी ब्लास्टिंग, कंपन से स्कूल के छज्जे का गिरा प्लास्टर

गेवरा खदान से महज 50 मीटर की दूरी पर शासकीय हायर सेकंडरी स्कूल संचालित है। सोमवार को यहां कक्षाएं चल रही थी इस दौरान खदान में हैवी ब्लास्टिंग किया गया। इससे क्षेत्र में कंपन होने के साथ स्कूल के छत के प्लास्टर का बड़ा हिस्सा टूटकर गिर गया। प्रतिदिन दोपहर को भारी भरकम बलास्टिंग किये जाने से स्कूली बच्चों, शिक्षकों व स्टाफ इस बात से भयभीत रहते हैं कि कहीं कोई अनहोनी न हो जाए।

वहीं सोमवार को दोपहर लगभग 2 बजे के आसपास स्कूल के ठीक पीछे एक साथ सैकड़ों ***** में बारूद भरकर एक साथ ब्लास्टिंग किया गया इससे स्कूल के छत का प्लास्टर भरभरा कर गिर गया। घटना की जानकारी होने पर एसईसीएल गेवरा के कुछ अधिकारी स्कूल पहुंचे। अधिकारियों के पहुंचने पर प्राचार्य, स्टाफ व विद्यार्थियों ने हैवी ब्लास्टिंग बंद करने का अनुरोध किया।

जीएम माइनिंग ने स्कूल के समय में बदलाव की बात कही तो स्कूल प्रबंधन ने स्कूल के समय में बदलाव में असमर्थता जताई। वहीं स्कूल के छात्र छात्राओं का कहना है कि यदि एसईसीएल गेवरा प्रबन्धन स्कूल के पीछे खदान में हैवी ब्लास्टिंग को बंद नहीं करती है तो वे खदान में उतरकर काम को बंद कराएंगे। जब प्राचार्य ने रजिस्टर में बैठक विवरण में जीएम माइनिंग ने रजिस्टर में लिखे विद्यालय समय में ब्लास्टिंग नहीं करने की बात से इंकार किया।

लगातार हैवी ब्लास्टिंग से स्कूल भवन कमजोर हो चुका है। इससे कभी भी गंभीर घटना घटित होने की आशंका जताई गई। खदान के हैवी ब्लास्टिंग का पत्थर भी स्कूल परिसर तक पहुंच जा रहा हैं। ब्लास्टिंग के कारण स्कूल के खिड़की के शीशे भी टूट कर चकना चूर हो गए हैं, ब्लास्टिंग के बाद कोयला, राखड़ के धूल से पूरा स्कूल परिसर पट जाता है। सुबह जब बच्चे स्कूल पहुंचे हैं तो पूरा कक्षा धूल से भरा रहता है बच्चे खुद से धूल डस्ट को साफ कर बैठते हैं।

ब्लास्टिंग के कारण स्कूल का बाउंड्रीवॉल भी टूट गया है। इससे बच्चे खदान के मुहाने तक भी पहुंच जाते हैं। इससे हमेशा डर बना रहता है। खदान में हो रहे हैवी ब्लास्टिंग को कम करने व ब्लास्टिंग से स्कूल की दीवार, बिल्डिंग जर्जर हो जाने, छत का प्लास्टर गिरने की शिकायत स्कूल के प्राचार्य जीपी जाटवर अपने उच्च अधिकारियों व एसईसीएल गेवरा प्रबंधन से कर चुके हैं फिर भी आज तक इस समस्या से मुक्ति नहीं मिल सकी है।

जब भी एसईसीएल गेवरा प्रबंधन को पत्र लिखा गया तब उनके एक-दो अधिकारी स्कूल पहुंचकर ब्लास्टिंग को कम करने की बात कहकर चले जाते हैं, इनके जाने के बाद फिर से हैवी ब्लास्टिंग शुरू हो जाता है। प्राचार्य जाटवर का कहना है कि यदि हैवी ब्लास्टिंग कम नहीं किया गया तो स्कूल चलाना मुश्किल हो जाएगा साथ ही उनका कहना है स्कूल परिसर से खदान की दूरी महज़ 50 मीटर से भी कम है जबकि मानक के अनुसार इतनी कम दूरी पर ब्लास्टिंग करना विधि संगत नहीं है।

स्कूल से खदान की दूरी बहुत ही कम है। स्कूल प्रबंधन अपने बच्चों के स्कूल समय का बदलाव कर लेवें, हम हैवी बलास्टिंग को कम करवाने की बात अपने अधिकारियों से करेंगे। हम मशीन लगा कर बलास्टिंग की तीव्रता को नपवाते हैं कि किस तरफ जायदा ब्लास्टिंग हो रही है। स्कूल को कहीं अन्यत्र शिफ्ट करवाएं लगभग 8 से 9 माह में नए जगह नई बिल्डिंग बन जाएगी वहीं स्कूल को संचालित कराएं। अभी स्कूल का समय सुबह 8 बजे से 2 बजे तक संचालित करवाएं।

अशोक, जीएम माइनिंग एसईसीएल गेवरा

खदान की हैवी बलास्टिंग से हम एसईसीएल प्रबन्धन को कई बार पत्र लिख चुके हैं लेकिन आज तक हमारी समस्या का कोई समाधान नहीं हो रहा, हमारे स्कूल में अभी 447 विद्यार्थी अध्यननरत है, इसके पूर्व में भी हैवी ब्लास्टिंग से छत गिरा था जिसमें मेरे सर में चोट लगी थी, जब चोट लगने की जानकारी एसईसीएल प्रबन्धन को हुई तो वे कुछ कमरों में लोहे की फाल सीलिंग करवाए थे, वहीं आज भी छत हैवी बास्टिंग से भारभरा कर गिर गया, स्कूल का दीवार भी कमजोर हो चुके हैं दीवारों में बड़ी बड़ी दरारें आ गई है ।

जीपी जाटवार, प्राचार्य