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संकेतक के नीचे लगाया पोस्टर: लिखा- ये सब झूठ है, प्रशासन को सेट करो और कुछ भी करो, पुल की जर्जर सड़क से लोग नाराज

मानसून में सुधारी गई दर्री बरॉज पुल दो दिन की बारिश में सिधार गई। पुल पर घुटने तक पानी भर गया। दरअसल मरम्मत में कंजूसी और भारी वाहनों के चलने की वजह से पुल का ये हाल हुआ है।

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Darry Dam

Darry Dam Road

Darry Dam Road पुल से पहले सिंचाई विभाग ने एक चेतावनी भरा बोर्ड लगाया है कि 20 टन से अधिक भारी वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंधित एवं दण्डनीय है, लेकिन यह प्रतिबंध लागू नहीं है। इसके विरोध में स्थानीय लोगों ने चेतावनी बोर्ड के नीचे एक पोस्टर लगा दिया कि ऊपर लिखा हुआ पूरा झूठ है, प्रशासन को सेट करो और कुछ भी करो।

बारिश में दर्री बरॉज पुल पूरी तरह उधड़ गई थी। फिर मानसून के लौटते ही निगम ने पुल की मरम्मत कराई, लेकिन काम कैसा हुआ यह पूछिए ही मत। पूछना इसलिए नहीं क्योंकि मरम्मत के बाद सड़क की दुर्दशा किसी से छिपी नहीं है। ऐसा इसलिए क्योंकि पेंचवर्क में किसी तरह की गारंटी नहीं ली जाती। क्या शहर के अंदर और क्या शहर के बाहरी इलाकों की सड़कें। सबका एक जैसे हाल है। दर्री बरॉज पुल हर मायने में महत्वपूर्ण है। इसके बाद भी जिस तरह मेंटनेंस में मनमानी की जा रही है। उससे आक्रोश भड़कना तय है। पुल के बाहर सिंचाई विभाग ने बोर्ड लगाया है कि 20 टन से अधिक वजन के वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंधित व दण्डनीय है।

इसे लागू कराने के लिए युवा कांग्रेस ने इसके लिए चक्काजाम किया था। तब कलेक्टर ने प्रतिबंध तो लगाया लेकिन दो दिन बाद प्रतिबंध हटा दिया गया। इस वजह से अधिक वजन वाले वाहन भी पुल से गुजर रहे हैं। इससे पुल की सड़क और खराब हो रही है। बीते कई महीने से लोग खराब सड़क से गुजर रहे हैं। एक दिन पहले हुई बारिश से पुल पर घुटनों तक पानी भर गया। आवागमन में परेशान स्थानीय लोगों ने प्रतिबंध वाले बोर्ड के नीचे एक पोस्टर लगा दिया कि ऊपर लिखा हुआ पूरा झूठ है, प्रशासन को सेट करो और कुछ भी करो। लोगों का कहना है कि प्रशासन केवल कोयला परिवहन को ध्यान में रख रहा है।

बाइक सवार फिसलकर गिरते रहे, रात से सुबह तक वाहनों की कतार बरॉज पुल पर पानी भरने की वजह से बाइक सवारों को सबसे अधिक परेशानी झेलनी पड़ी। पानी भरने की वजह से पुल के गड्ढे नहीं दिख रहे थे। इस वजह से बाइक सवार कई बार गड्ढे में गिरे। इसकी वजह से वाहनों की कतार भी लगी रही। रात से सुबह तक वाहनों का जाम लगता रहा। शनिवार को सुबह मौसम सामान्य होने की वजह से पानी कम हुआ। तब जाकर लोगों ने कुछ हद तक राहत ली। पक्की मरम्मत करना भूल गए फोरलेन सड़क मेजर ध्यानचंद चौक से गोपालपुर तक बननी है।

पीडब्ल्यूडी ने इसका टेंडर भी कर दिया है। एक से दो महीने के बीच काम शुरु होना है। जब तक नई सड़क नहीं बन जाती तब तक बॅराज पुल को चलने लायक बनाने पर अधिकारी गंभीर नहीं है। रोड जल्द नहीं बनने पर नेताप्रतिपक्ष पार्षदों के साथ करेंगे आमरण अनशन नेता प्रतिपक्ष नगर निगम कोरबा हितानंद अग्रवाल ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर दर्री बरॉज पुल के अतिशीघ्र बनवाने की मांग की है। उन्होंने लिखा है कि विगत 3 वर्षों से दर्री डेम की सड़क पूरी तरीके से टूट चुकी है कई बार जिला प्रशासन एवं नगर निगम से उक्त विषय पर पत्राचार भी किया गया ।भारतीय जनता पार्टी द्वारा पार्षदों के साथ उक्त सड़क को बनवाने हेतु दर्री डेम के किनारे धरना प्रदर्शन भी किया गया। अधिकारियों के द्वारा बार-बार यही आश्वासन दिया गया कि अतिशीघ्र इसका निर्माण करा दिया जाएगा ।

यदि जल्द ही उक्त रोड का निर्माण कार्य शुरू नहीं किया गया तो नगर निगम के सभी 30 भाजपा पार्षदों के साथ भूख हड़ताल में उक्त रोड पर बैठेंगे। सामांतर पुल में भी देरी, जून तक बन पाना मुश्किल दर्री बरॉज पुल के सामांतर पुल का निर्माण चल रहा है, अब तक इस पुल को पूरा हो जाना था। सेतू निगम का कहना है कि जून से पहले पूरा कर लिया जाएगा, लेकिन इसकी गति इतनी धीमी है कि उम्मीद बेहद कम है कि जून तक पुल कानिर्माण पूर्ण हो सकेगा। अगर ये पुल बन जाए तो बरॉज पुल पर भार कम होगा। लगातार पुल निर्माण में देरी हो रही है। समय पर पूरा करने गंभीर नहीं हैं।