
File Photo
CG News: छत्तीसगढ़ के कोरबा व रायगढ़ जिले में 11 नए कोल खदान शुरू करने की तैयारी है। इन खदानों से 30 गांव सीधे तौर पर प्रभावित होंगे। कोल मंत्रालय ने इन खदानों को अपनी 7वीं नीलामी सूची में शामिल किया है।
कोयले की उपलब्धता आने वाले 40 साल तक सौ फीसदी बने रहे इसके लिए एमईसीएल के माध्यम से बीते दो साल से जंगलों में करीब पांच सौ जगहों पर अधिक गहराई तक बोरहोल्स कर कोयले की ग्रेडिंग की तस्दीक की गई थी। एमईसीएल की रिपोर्ट के अनुसार कोरबा व रायगढ़ जिले के इन खदानों में सबसे उन्नत ग्रेड का कोयला मौजूद है। जी-11, जी-12 ग्रेड का कोयला सबसे महंगा और कम कोल ब्लॉकों में पाया जाता है। जिस कोल ब्लॉक में बेहतर ग्रेड का कोयला होता है उसकी नीलामी के लिए कंपनियां सबसे अधिक रूचि लेती है।
ये 30 गांव होंगे प्रभावित
कोरकोमा कोल ब्लॉक से कोरकोमा, मातामार, मुडुनारा, रजगामार, तरफमझली, बरपाली-करमीटिकरा ब्लॉक से बरपाली, कोईलार, नारकोलो, जिल्गा-बरपाली से करीब चार गांव, बासीन फतेहपुर से पांच गांव प्रभावित होंगे। इस तरह कुल 30 गांव खनन से सीधे तौर पर दायरे में आएंगे।
हसदेव के बाद मांड नदी के किनारे कोयले का नया भंडार
अभी कोरबा, कोरिया जिले में हसदेव नदी के किनारे एक दर्जन कोल ब्लॉक से खनन हो रहा है। हसदेव के बाद मांड नदी के दोनों ओर के 15 किमी के दायरे में कोयले के नए भंडार होंगे। विशेषकर कोरबा के तीन और रायगढ़ के चार कोल ब्लॉक मांड नदी से लगे हुए हैं।
आर. के. सिंह, भू-गर्भ विशेषज्ञ ने कहा, कई करोड़ों साल पहले नदियों के किनारे भू गर्भ में हुए कई परिवर्तन की वजह से प्रदेश में कोयला का इतना बड़ा भंडार है, हसदेव और मांड नदी के किनारे आने वाले वर्षों में बड़े उद्योग भी लगेंगे।
Published on:
31 Mar 2023 01:55 pm
बड़ी खबरें
View Allकोरबा
छत्तीसगढ़
ट्रेंडिंग
