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शौचालय निर्माण घोटाला: अधिकारियों, सरपंच-सचिव सहित 12 लोगों से होगी लाखों की वसूली

पाली की चार ग्राम पंचायत में 1400 शौचालय बगैर बने हो गर्ई थी राशि आहरित

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कोरबा

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Shiv Singh

Jun 11, 2018

पाली की चार ग्राम पंचायत में 1400 शौचालय बगैर बने हो गर्ई थी राशि आहरित

पाली की चार ग्राम पंचायत में 1400 शौचालय बगैर बने हो गर्ई थी राशि आहरित

कोरबा. शौचालय निर्माण में घोटाले के मामले में अब अधिकारियों, सरपंच और सचिवों से लाखों रूपए की वसूली होगी। घोटाले में लगभग 12 लोगों को इसमें जिम्मेदार माना गया है।

कलेक्टर ने सोमवार को निर्माण से अधिक जारी हुई राशि को वसूली करने के साथ-साथ अधूरे निर्माण को पूरा करने के लिए निर्देश जारी किए।


गौरतलब है कि मनरेगा के तहत कोरबा जिले के पाली विकासखंड के चार गांव बांधाखार, मानिकपुर, बतरा और चैतमा में शौचालयों की स्वीकृति मिली थी। वर्ष 2016-17 में यह निर्माण होना था। निर्माण दिसंबर 2017 में निर्माण पूरा बताकर राशि भी आहरित कर ली गई। पिछले महीने जिला पंचायत की सामान्य सभा में कई सदस्यों ने इस मामले को उठाया था।

इसके बाद सीईओ इन्द्रजीत सिंह चन्द्रवाल व जिला पंचायत अध्यक्ष देवीसिंह टेकाम ने चार सदस्यीय टीम बनाकर उक्त चारों गांव के हितग्राहियों की सूची के हिसाब से जांच कराने के लिए भेजा। रिपोर्ट के मुताबिक इन चारों ही गांव में कुल 2032 शौचालयों का निर्माण होना था। लेकिन सिर्फ 636 ही बने हंै जबकि राशि पूरे शौचालयों की आहरित कर ली गई है। पाली विकासखंड के ग्राम चैतमा में कुल 591 शौचालयों की स्वीकृति हुई थी।

टीम ने अपनी जांच मेंं सिर्फ 60 शौचालय ही पूरे पाएं गए। जबकि कुछ निर्माणाधीन है अधिकांश जगह काम ही शुरू नहीं हुआ है। इसी तरह मानिकपुर गांव में कुल 148 शौचालयों का निर्माण होना था लेकिन बने सिर्फ 20 है। इसी तरह बतरा में काफी संख्या में लगभग 893 शौचालयों की स्वीकृति हुई थी इसमें महज 328 ही पूरे हुए हैं।

बांधाखार में भी 400 शौचालय बनना बताया जा रहा है पर निर्माण महज 300 शौचालयों का ही हुआ है। सीईओ जिला पंचायत द्वारा इस मामले में रिपोर्ट कलेक्टर को सौंपी गई थी। जिसपर सोमवार को कलेक्टर ने सभी चारों ग्राम पंचायत में जहां भी निर्माण से अधिक राशि आहरित हुई है उसकी वसूली के साथ-साथ निर्माण पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं।


किस गांव में कितना अतिरिक्त भुगतान हुआ था
चैतमा मेंं महज सात लाख 20 हजार का आहरण करना था, लेकिन भुगतान हुआ 60 लाख रूपए का। वहीं मानिकपुर मेंं 2.40 लाख का भुगतान होना था तो चेक दिया गया 18 लाख का। बतरा में 35 लाख का बिल बनना था तो इसमें 71 लाख रूपए की मोटी रकम दी गई। वहीं बांधाखार ग्राम में पांच लाख अतिरिक्त दिया गया।


लगभग एक करोड़ की वसूली, घोटालेबाजों की पसीने छूटे
लगभग एक करोड़ रूपए से अधिक की वसूली होनी है। इसमें प्रमुख तौर पर जनपद पंचायत सीईओ एमएल कैवर्त, पीओ, चारों गांव के सरपंच, सचिव, रोजगार सहायक भी शामिल है। हालांकि अभी यह तय नहीं है कि किससे कितने की वसूली होगी। एक से दो दिनों के भीतर जिला पंचायत द्वारा इसका आदेश जारी किया जाएगा।


कार्रवाई के लिए अधिकारियों की टीम, किसका हाथ करेगी पड़ताल
इस मामले में कलेक्टर ने वसूली के आदेश जारी किए गए हैं लेकिन कार्रवाई के लिए अभी एक और टीम बनाई गई है। सीईओ जिला पंचायत द्वारा इसकी टीम बनाई जाएगी। जो कि यह देखेगी कि इस फर्जीवाड़े में सबसे बड़ा हाथ किसका था। उसके बाद उनपर निलंबन के साथ-साथ एफआईआर भी दर्ज किया जा सकता है।


-पाली के चार गांव में बगैर शौचालय निर्माण किए राशि आहरित करने के मामले में जितनी भी राशि अधिक निकाली गई उसकी वसूली और निर्माण को पूर्ण करने के निर्देश दिए गए हैं। एक टीम बनाई जा रही है जो कि इसकी और भी बेहतर ढंग से जांच करेगी। मुख्य तौर पर शामिल लोगों पर कार्रवाई होगी।
-मो.कैसर अब्दुल हक, कलेक्टर