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49 नोडल मिलकर भी नहीं दिला पा रहे बच्चों को शिक्षा का अधिकार, उदासीनता ऐसी कि कुछ ने अब तक खोली ही नहीं अपनी लॉग इन आईडी

आरटीई से प्रवेश के लिए शासन द्वारा निर्धारित समयसीमा का भी पालन नहीं

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कोरबा

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Shiv Singh

Jun 16, 2018

विभाग की उदासीनता भुगतेंगे बच्चे, 4707 आवेदनों में 1733 अस्वीकृत

विभाग की उदासीनता भुगतेंगे बच्चे, 4707 आवेदनों में 1733 अस्वीकृत

कोरबा. आरटीई से प्रवेश के लिए जिले के 273 स्कूलों में 4378 सीटें उपलब्ध हैं। इन सीटों के लिए शिक्षा विभाग को कुल 4707 ऑनलाईन आवेदन प्राप्त हुए हैं। इसमें से विभाग द्वारा अब तक की स्थिति में 2974 आवेदनों को स्वीकृति दे दी गई है। अब इन स्वीकृत आवेदनों के दस्तावेजों को परीक्षण पूर्ण हो चुका है और इन बच्चों को उपलब्ध सीटों के आधार पर इन्हें प्रवेश दिया जाएगा। जांच में नोडल अधिकारियों द्वारा 329 आवेदन रिजेक्ट किए गए हैं। जबकि 546 डुप्लीकेट आवेदन किए गए हैं।
शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत निजी व अनुदान प्राप्त स्कूलों में बीपीएल परिवार से आने वाले बच्चों को प्रवेश दिलाने के लिए शासन द्वार जिले भर में कुल ४९ अधिकारी बनाए गए हैं। स्थिति यह है कि इनमें से पांच अधिकारियों ने अब तक अपनी आईडी से पोर्टल में लॉग इन ही नहीं किया है। आवेदनों की स्क्रूटनी व उन्हें स्वीकृति देना तो दूर की बात है।
जिन्हें नोडल अधिकारी बनाया गया है। वह अपने-अपने क्षेत्र के स्कूलों के शासाकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों के प्राचार्य हैं। आवेदनों को ऑनलाईन किए जाने के बाद अब बारी है बच्चों को स्कूलों में प्रवेश देने की। इस दौरान यह देखने को मिल रहा है कि ज्यादातर नोडल अधिकारी अब तक प्रक्रिया को ठीक तरह से नहीं समझ नहीं पाए हैं। इनकी नामसमझी और निष्क्रियता की वजह से पालक परेशान हो रहे हैं। कुछ तो डीईओ से शिकायत करने भी पहुंंच रहे हैं। इनका निराकरण करने के साथ ही आगे की प्रक्रिया से अवगत कराने के लिए शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कन्या साडा में नोडल अधिकारियों की बैठक की गयी। बैठक में डीईओ डीके कौशिक सहित आरएमएसए के एडीपीओ एमपी सिंह व प्रोग्रामर राजेश दुबे मौजूद थे। डीईओ ने बैठक में सभी नोडल अधिकारियों को प्रक्रियाओं से अवगत कराते हुए नियमानुसार प्रवेश प्रक्रिया पूरी करने के लिए कहा है।
आवेदक के स्थान पर पालक का नाम तो डरने की बात नहीं
प्रक्रिया नयी होने के कारण कई पालकों ने बच्चे के स्थान पर व आवेदक के स्थान पर स्वयं का नाम डाल दिया है। ऐसे पालक जिन्होंने आवेदक के स्थान पर खुद का नाम डाल दिया है। उन्हें नोडल अधिकारियों द्वारा आवेदन रिजेक्ट होने की बात कह दी गई है। जबकि ऐसा नहीं है। त्रुटिवश ऐसा किए जाने के कारण बताते हुए इन आवेदनों को भी स्वीकृत किया जाएगा। आवेदन के अनुसार दस्तावेजों को उपलब्ध होना बेहद जरूरी है।

लॉटरी से होगा चयन, 19 को प्रवेश

जिन स्कूलों में उपलब्ध सीटों की तुलना में अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं। वहां लॉटरी के माध्यम से सीटों का चयन होगा। हालांकि लॉटरी वाली प्रक्रिया के आयोजन की पूरी जिम्मेदारी नोडल अधिकारी की है। वह अपने स्तर पर ही आवेदकों को सूचना देकर तिथि निर्धारित कर पूरी पारदर्शिता के साथ सभी की मौजूदगी में लॉटरी निकालेंगे। इसके बाद 19 जून से बच्चों को स्कूलों में प्रवेश दिया जाएगा।
इन्होंने नहीं किया आईडी का उपयोग
आरटीई के तहत प्रवेश देने के लिए सभी नोडल अधिकारियों को यूनिक आईडी व पासवर्ड आवंटित दिया गया है। जिससे कि वह अपने-अपने क्षेत्र की स्कूलों के लिए किए गए आवेदनों की जांच व स्क्रूटनी कर आवेदनों को स्वीकृति दे सकें। जिले के शाउमावि जटगा, पसान, फरसवानी और करतला के प्राचार्यों ने अब तक अपनी आईडी का उपयोग ही नहीं किया है। जबकि इसी आईडी से लॉग इन कर उन्हें अपने क्षेत्राधिकार वाले आवेदनों की स्क्रूटनी करनी है।
-आरटीई से प्रवेश के लिए नोडल अधिकारियों को ही पूरी जिम्मेदारी दी गई है। जिन्हें अच्छी तरह से सारे नियम बताए गए हैं। समय-समय पर उन्हें मार्गदर्शन भी दिया जा रहा है। आवेद के स्थान पर पालक का नाम हो तब उसे स्वीकृत किया जाएगा। लॉटरी के बाद प्रवेश प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
डीके कौशिक, डीईओ, कोरबा