
अभिभावकों ने अब तक जमा नहीं किए हैं दस्तावेज
कोरबा. शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत निजी स्कूलों में बीपीएल परिवार से आने वाले बच्चों के प्रवेश को लेकर अभिभावकों के साथ ही जिले के नोडल अफसर भी चिंतित हैं। पूरा विभाग उलझा हुआ है। काफी हद तक अभिभावक भी इसके लिए जिम्मेदार हैं। इन अव्यवस्थाओं के बावजूद आरटीई से प्रवेश लिए मिले ऑनलाईन आवेदनों का स्वीकृति देने के मामले में कोरबा पूरे राज्य में तीसरे में स्थान पर है।
जिले को आरटीई से प्रवेश के लिए 4707 आवेदन प्राप्त हुए हैं जबकि कोरबा से अधिक आवेदन किए जाने जिले रायपुर, बिलासपुर, चांपा, रायगढ़, दुर्ग ही हैं। कुल प्राप्त आवेदनों के मामले में कोरबा छठे स्थान पर है जबकि आवेदनों को स्वीकृति देने के मामले यह स्थान तीसरा है। आवेदनों को स्वीकृति प्रदान करने में कोरबा जिला राज्य भर में रायपुर और राजनांदगांव से ही पीछे है।
कहीं पूरी तो कहीं अधूरी है लॉटरी की प्रक्रिया
साडा कन्या में लॉटरी की प्रक्रिया पूरी कर चयनित छात्रों के आवेदनों पूर्ण रूप से स्वीकृति दे दी गई है। जबकि पीडब्ल्यूडी रामपुर में लॉटरी प्रक्रिया में भाग लेने वाले कई अभिभावकों ने ऑनलाईन आवेदन भरने के बाद दस्तावेज ही जमा नहीं किए हैं। जिसके कारण लॉटरी की प्रक्रिया अब भी अधूरी है। यही हाल जिले में ज्यादातर नोडल अफसरों का है। ज्यादातर नोडल अधिकारियों ने किसी ने किसी कारणवश लॉटरी की प्रक्रिया को पूरा नहीं किया है।
आगे की ऐसी रहेगी प्रक्रिया
लॉटरी की प्रक्रिया में जिन स्कूलों के लिए पूरी की जा रही है। वहां के संस्था प्रमुखों को भी प्रक्रिया में सम्मिलित होने को कहा गया है। लॉटरी की प्रक्रिया पूरी कर लेने के बाद चयनित छात्रों की सूची को संबंधित स्कूल व डीईओ कार्यालय प्रेषित कर दिया जाएगा। इसके बाद स्कूल छात्रों को प्रवेश देंगे।
जिले में ऐसी है आरटीई की स्थिति
-कुल सीटें- 4378
-कुल प्राप्त आवेदन- 4707
-स्वीकृत- 2098
-पूर्ण स्वीकृत- 218
-डुप्लीकेट आवेदन- 682
-रिजेक्ट- 421
लॉटरी में चयनित- 77
Published on:
20 Jun 2018 01:43 pm
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