साक्ष्य के अभाव में शांतनु अपहरण मामले में दो आरोपी दोषमुक्त करार
पिछले साल अगस्त में बीच शहर से एक बच्चे शांतनु के अपहरण के मामलेे में
पुलिस विश्वसनीय साक्ष्य पेश नहीं कर पाई। पुलिस के साक्ष्य व बयान भी आपस
में उलझ गए।
Shantanu kidnapping two accused in the case for lack of evidence acquitted
कोरबा.
पिछले साल अगस्त में बीच शहर से एक बच्चे शांतनु के अपहरण के मामलेे में पुलिस विश्वसनीय साक्ष्य पेश नहीं कर पाई। पुलिस के साक्ष्य व बयान भी आपस में उलझ गए।
विश्वसनीय साक्ष्य के अभाव में कोर्ट ने दो आरोपियों को दोषमुक्त करार दिया। वहीं मुख्य आरोपी प्रशांत शिंदे पर फैसला अभी स्थगित रखा गया है तो वहीं एक आरोपी के नाबालिग होने के कारण मामला किशोर न्याय बोर्ड में चल रहा है।
पिछले साल पांच अगस्त को मानिकपुर चौकी अन्र्तगत शांतनु विश्वकर्मा को दो युवकों ने बाइक से उठा कर अपहरण कर लिया था। बच्चे को सीएसईबी कॉलोनी के आवास क्रमांक एसई 652 में रखा गया था।
बच्चे के नाना से पांच लाख की फिरौती मांगी गई थी। घटना के संबंध में मानिकपुर चौकी प्रभारी अश्वनी राठौर व टीम ने सीएसईबी के मकान से बच्चे को बरामद किया था। इस मामले में पुलिस ने चार लोगों को आरोपी बनाया था।
मुख्य आरोपी प्रशांत शिंदे, प्रमोद रात्रे व सूरज शाह सहित एक नाबालिग के खिलाफ चार्जशीट पेश की गई थी। इसमें सूरज शाह व एक अन्य को नाबालिग होने के कारण मामला किशोर न्याय बोर्ड में चल रहा था।
किशोर न्याय बोर्ड ने सूरज शाह को बालिग बताया। इन तीन के खिलाफ मामला जिला कोर्ट में चल रहा था। इसी बीच मुख्य आरोपी प्रशांत शिंदे को मानसिक रोगी बताकर सेंदरी मानसिक अस्पताल मेंं इलाज करना बताया गया।
इसलिए प्रशांत शिंदे के खिलाफ अभी मामला स्थगित रखा गया है। तो वहीं शेष दो आरोपियों के ऊपर लगाए गए आरोप का परीक्षण कराया गया।
इसमें जो पुलिस ने साक्ष्य और बयान कोर्ट में पेश किए उसे कोर्ट में विश्वसनीयता के रूप में पेश नहीं कर पाए। इस मामले में जिला सत्र न्यायालय ने विश्वसनीय साक्ष्य पेश नहीं होने के कारण दो आरोपी प्रमोद रात्रे व सूरज शाह को दोषमुक्त करार दिया है।