
चिकित्सकों को मिला ऐसा आवास जिसके हर कोने से आ रही भर्राशाही की दुर्गंध, पढि़ए पूरी खबर
कोरबा. 100 बेड के डॉक्टरों के लिए बनाए गए एक दर्जन मकान घटिया निकले हैं। कर्मियों को रहते एक सप्ताह भी नहीं हुए थे कि मकानों में जगह-जगह से सीपेज आने लगा। इसकी शिकायत विभाग से की गई है। सीएमएचओ ने निर्माण एजेंसी सीजीएमएससी को पत्र लिखकर मकानों की स्थिति से अवगत कराया है साथ ही जल्द मरम्मत की भी मांग की गई है।
जिला अस्पताल में कार्यरत डॉक्टर सहित अन्य स्टॉफ के लिए शासकीय आवासों की कमी थी। लंबे समय से मांग की जा रही थी। उसके बाद सीजीएमएससी (CGMSC) द्वारा कोरबा जिले में एक दर्जन मकानों की स्वीकृति दी गई थी। सीजीएमएससी द्वारा मुख्यालय स्तर पर ही टेंडर जारी कर वर्कआर्डर दिया गया था। मकानों का निर्माण पिछले महीने ही पूरा हुआ है। डॉक्टरों व अन्य स्टॉफ को मकानों का आबंटन कर दिया गया है। आबंटन मिलने के बाद जब कर्मी परिवार समेत मकान मेंं रहने पहुंचे तो इसकी हालत देखकर भौचक्के रह गए। दरअसल मकानों का ऐसा कोई भी हिस्सा ऐसा नहीं है जहां सीपेज नहीं हो रहा हो। हर कमरा सीपेज की मार झेल रहा है।
कहीं अधिक तो कहीं कम। कुछ डॉक्टरों ने इसकी जानकारी सीएमएचओ कार्यालय को दी गई। इसके बाद रहने आए कुछ और कर्मियों ने भी इसकी जानकारी अधिकारियों को दी। उसके बाद सीएमएचओ ने सीजीएमएससी को पत्र लिखकर मकानों की स्थिति से अवगत कराया है। साथ ही जल्द मरम्मत की भी मांग की गई है।
जब विभाग ने नहीं सुना तो कुछ कर्मियों ने एफबी में पोस्ट की तस्वीरें
कर्मियों के घटिया मकानों की स्थिति से अधिकारियों को अवगत कराने के बाद जब अधिकारियों ने अनदेखी कर दी। तब एक डॉक्टर ने एफबी में सीपेज होते मकानों की तस्वीरों के साथ अपनी व्यथा पोस्ट कर दी। विभाग की फजीहत होते देख अधिकारियों ने फिर सीजीएमएससी को पत्र लिखकर मरम्मत की मांग भेजी है।
टाइल्स भी घटिया, इलेक्ट्रिकल समान भी कमजोर
मकानों में रहने वाले कर्मियों ने बताया कि सीपेज के साथ-साथ जो टाइल्स लगाई गई है वह भी घटिया स्तर का है। जरा भी भारी समान रखने पर टूटने लगा है। इसी तरह इलेक्ट्रिकल समान भी कमजोर क्वालिटी के लगाए गए हैं। सीपेज के बाद स्वीच बोर्ड मेें करंट का भी खतरा सताते रहता है।
0 कई जगह पुटट्ी से छिपाया गया दरारों को
मकान में कई जगह पुटट्ी से दरारों को भी छिपाया गया है। जगह-जगह मकानों के में दरारें पहले से है। इसे पुटट्ी से ठेकेदार ने छिपाने का प्रयास किया है। पहले तो यह दरारें नजर नहीं आ रही थी, लेकिन बारिश के बाद अब दिखने लगी है। इसके आलावा कई अन्य तकनीकी खामियां कॉलोनी में है।
आंख मूंदकर विभाग ने ले लिया हैंडओवर
सीजीएसएससी ने भले अपने स्तर पर निर्माण एजेंसी तय की, और निर्माण करवाया। मकानों की घटिया स्थिति होने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग ने ठेकेदार से हैंडओवर ले लिया। हैंडओवर लेने से पहले मकानों की गुणवत्ता नहीं जांची गई। अगर गुणवत्ता देख ली जाती तो मरम्मत के लिए फिर से पत्र नहीं लिखने की नौबत ही नहीं आती।
-नए क्वार्टरों की क्वालिटी को लेकर शिकायत आयी है। सीजीएसएससी ने इसका निर्माण कराया है। पत्र लिखकर जल्द मरम्मत कराने को कहा गया है।
-बीबी बोडे, सीएमएचओ, कोरबा
Published on:
26 Aug 2019 12:19 pm
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