
जिला मुख्यालय से 50 किलोमीटर
करतला. जिला मुख्यालय से 50 किलोमीटर दूर स्थित बासीन के उप स्वास्थ्य केंद्र में छह महीने से ताला बन्द है। यहां ग्राम फुलसरी, स्मरकना, डीलाडेरा, रंगढहा, गिरारी, दुमरडीह और कोदवारी सहित आसपास के गांवों से मरीज इलाज के लिए आते हैं और बिना इलाज कराए उन्हें वापस जाना पड़ता है।
उप स्वास्थ्य केंद्र नहीं खुलने से ग्रामीणों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उप स्वास्थ्य केंद्र पिछले कई महीनोंं से बंद पड़ा हुआ है।
यही हाल ग्राम तौलीपाली में बने उपस्वास्थ्य केंद्र का है जो वर्षों से बन्द पड़ा है। तौलीपाली में बने उपस्वास्थ्य केंद्र में स्वास्थ्य कर्मी नहीं है। जिससे मरीज इलाज कराने के लिए दर-दर भटक रहे हैं। गर्मी शुरू होने से लोग उल्टी, दस्त, बुखार से पीडि़त हो रहे हैं और उनका इलाज नहीं हो पा रहा है।
ग्रामीणों को इलाज के लिए झोलाछाप डॉक्टरों से इलाज कराने के लिए मजबूर हैं। उप स्वास्थ्य केंद्र तौलीपाली में निर्माण वर्ष से अब तक ताला लटका हुआ है और प्रशासन की नजर इस ओर नहीं पड़ रही है। अधिकारी भी दौरा नहीं करते हैं।
ग्राम तौलीपाली एवं बासीन जिला मुख्यालय से 50 किलोमीटर दूर है और उन्हें जिला अस्पताल जाने में काफी मुश्किल होती है। कुदमुरा क्षेत्र में 108 नंबर की गाड़ी भी नहीं है उनकी मजबूरी हैं कि मरीजों को जिला अस्पताल व अन्य निजी अस्पताल में इलाज कराना पड़ता है।
तौलीपाली एवं बासीन क्षेत्र में आग़ामी पिछले कई वर्षों से मौसमी बीमारी मलेरिया बुखार से कई की मौत हो गई है।
वनांचल क्षेत्र में तेंदूपत्ता तोडऩे का कार्य चल रहा है। धूप में तेंदूपत्ता तोडऩे से उल्टी, बुखार सहित अन्य बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं। तौलीपाली एवं बासीन उप स्वास्थ्य केंद्र के निकटस्थ गांव के ग्रामीण परेशान हैं।
Published on:
28 May 2018 12:04 pm
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