
सभी नए टावरों व सिस्टम की टेस्टिंग अंतिम चरण में, जुलाई से बीएसएनएल उपभोक्ता को मिलने लगेगी ये सुविधा...
कोरबा. सरकारी टेलीकॉम कंपनी बीएसएनएल अब रिलायंस, एयरटेल और आईडिया जैसी निजी कंपनियों से लोहा लेने को तैयार है। अफसरों का दावा है कि जुलाई से जिले में बीएसएनएल की ४-जी सेवा शुरू कर दी जाएगी। फिलहाल सभी नए टावरों व सिस्टम की टेस्टिंग अंतिम चरण में है। निजी टेलीकॉम कंपनियों ने जिले में ४जी इंटरनेट व कॉलिंग की सुविधा २०१५-१६ से ही शुरू कर दी थी। लेकिन बीएसएनएल की सेवाएं ग्राहकों को अब तक पुराने जमाने की आऊटडेटेड लैंडलाईन की तरह ही लगती हंै। बीएसएनएल वर्तमान में भी २जी और ३जी स्तर की सेवाओं के ही भरोसे है। यही कारण है कि बीएसएनएल से ग्राहकों का लगातार मोहभंग हो रहा है। बीएसएनएल के उपभोक्ताओं की संख्या पिछले एक दशक में आधी हो गई है।
इस क्षेत्रों में टावरों का परीक्षण पूरा
बीएसएनएल द्वारा लेमरू, बतरा, जल्के, जनमउहा, एतमानगर, माचाडोली, मोरगा, फिराती, चोटिया, तिलकेजा, भैसमा, कोरबी, मड़ई, बरपाली(जिल्गा), बनबांधा, नवापारा(करतला), उतरदा, हरदीबाजार, भिलाईबाजार, सुतर्रा जैसे ग्रामीण इलाकों के साथ ही कलेक्टोरेट, तहसील कार्यालय, एनटीपीसी, रिस्दा, सीतामणी, सर्वमंगला मंदिर जैसे शहरी इलाकों टॉवर लगा दिए गए हैं। प्रयास है कि जिले के कोने-कोने में बीएसएनएल बढिय़ा कवरेज मिले। बीहड़ वनांचल इलाकों में भी नेटवर्क की पहुंच बढ़ाने की योजना है। इसके लिए ज्यादातर स्थानों पर टेस्टिंग भी पूरी हो चुकी है। बीएसएनएल की ४-जी सुविधा जुलाई में प्रदाय किए जाने की तैयारी है।
300 गांव अब भी नेटवर्क से दूर
बीएसएनएल के नक्शे में जिले में कुल आबादी वाले ग्रामों की संख्या ७०२ है,जबकि सरकार द्वारा किए गए नए परिसीमन के बाद प्रशासन के आंकड़ों के अनुसार जिले में ग्रामों की संख्या ७९२ है। बीएसएनएल की मानें तो जुलाई से जिले के लगभग ४०० गांव ४जी नेटवर्क से जुड़ जाएंगे। वर्तमान में पहले से संचालित ८८ टॉवरों के माध्यम से बीएसएनएल का नेटवर्क १६२ गांवों तक सीमित है। पुराने में ८८ में ५३ नए टॉवर जुडऩे से कुल टॉवरों की संख्या १४१ हो जाएंगे जिससे बीएसएनएल की पहुंच जिले के ४०० से अधिक गांवों तक होगी।
इस बार सभी टावर होंगे स्मार्ट
बीएसएनएल की ४जी सेवाएं शुरू होने के बाद सभी पुराने टावर बेकार हो जाएंगे। विभाग ने सभी टावरों में पूरी तरह से नए सिस्टम इंस्टॉल कर दिए हैं। पहले २जी, ३जी सभी जनरेशन की सेवाओं के लिए अलग-अलग टावर लगाए जाते थे। इस बार सभी टॉवर ऑटोमेटिक हैं। एक ही टावर में २जी, ३जी और ४जी का नेटवर्क का सिस्टम लगा होगा। एक तरह से बीएसएनएल का कायाकल्प होने की दिशा में है।
Updated on:
19 Jun 2018 09:01 pm
Published on:
19 Jun 2018 08:48 pm
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