
प्रबंधन ने दिया बजट खत्म होने का हवाला
कोरबा. बजट खत्म होने का हवाला देकर प्रबंधन ने सेंट्रल वर्कशॉप में सभी कर्मचारियों का संडे बंद करने का निर्णय लिया है। इससे कर्मचारियों में भारी नाराजगी है। कर्मचारी आंदोलन की रणनीति बना रहे हैं।
कर्मचारियों का कहना है कि अभीतक प्रत्येक कर्मचारी को माह में तीन संडे ड्यूटी दिया जाता था। इसे जारी रखना चाहिए। कॉस्ट कटिंग के नाम पर पहले ही सेंट्रल वर्कशॉप में काम करने वाले कर्मचारियों का एक संडे बंद कर दिया गया है। वर्कशॉप में करीब 450 कर्मचारी कार्यरत हैं। कर्मचारियों का कहना है कि पिछले साल भी प्रबंधन ने कॉस्ट कटिंग का हवाला देकर संडे बंद करने की कोशिश की थी। इसका कड़ा विरोध श्रमिक संगठनों ने वर्कशॉप गेट के बाहर किया था। इसके बाद प्रबंधन और श्रमिक नेताओं की बैठक हुई थी। इसमें संडे ड्यूटी बहाल करने पर सहमति बनी थी। इसके बाद भी प्रबंधन ने कर्मचारियों का प्रत्येक माह एक संडे ड्यूटी बंद कर दिया था। अब सभी संडे बंद करने का निर्णय लिया है। इससे आक्रोश है।
वर्कशॉप सहित एसईसीएल में काम करने वाले कर्मचारियों को संडे के दिन ड्यूटी करने पर दोगुना वेतन मिलता है। कर्मचारियों का कहना है कि संडे बंद होने से उन्हें प्रत्येक माह 10 से 15 हजार रुपए का नुकसान होगा। प्रबंधन के निर्णय का विरोध किया जाएगा।
-प्रबंधन ने कर्मचारियों का सभी संडे बंद करने की जानकारी दी है। इसका विरोध किया जाएगा। अभीतक माह में तीन संडे कर्मचारियों को मिल रहा था। इसे जारी रहनी चाहिए।
-संजय सिंह, अध्यक्ष, बीकेएमएस कोरबा
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बोनस पर बैठक टली, अपेक्स जेसीसी का बीएमएस ने किया बहिष्कार
कोरबा. दुर्गा पूजा से पूर्व कोयला कर्मचारियों को बोनस निर्धारण और वितरण को लेकर कोलकाता में आयोजित बैठक नहीं हो सकी। इसे सितंबर तक के लिए टाल दिया गया है। बोनस पर चर्चा के लिए अगली बैठक एक अक्टूबर को होने की संभावना है। हालांकि प्रबंधन की ओर से तिथि की घोषणा नहीं की गई है।
गुरुवार को कोल इंडिया मुख्यालय कोलकाता मेें अपेक्स जेसीसी के अलावा बोनस निर्धारिण के लिए बैठक होनी थी। सुबह करीब 11 बजे बैठक चालू हुई। इसमें प्रबंधन और चारों श्रमिक संगठन के प्रतिनिधि पहुंचे। बैठक में थोड़ी देर रूकने के बाद बीएमएस ने बैठक का बहिष्कार कार दिया। एटक, सीटू और एचएसएस नेताओं की उपस्थिति में बैठक हुई। लेकिन इसमें कोई बड़ी सहमति नहीं बनी।
एचएमएस नेता व अपेक्स कमेटी के सदस्य नाथूलाल पांडे ने बताया कि बैठक में दुर्घटना में मारे गए ठेका कर्मचारियों के आश्रित को पांच लाख रुपए देने पर सहमति बनी है। निर्णय दिसंबर 2016 से लागू होगा। यानी इस अवधि के बाद खदान दुर्घटना में मारे गए कर्मचारियों के आश्रित को पांच लाख रुपए मिलेंगे। बैठक में घाटे में चल रही खदानों की स्थिति पर भी चर्चा होनी थी। लेकिन नहीं हो सकी।
Published on:
29 Sept 2018 05:47 pm
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