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टीचर के खुशी से छलक पड़े आंसू , जब दो बेटों ने किया UPSC में टॉप

UPSC Toppers: दोनो युवाओं में एक दिलचस्प समानता

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कोरबा

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Shiv Singh

Apr 28, 2018

upsc topper chhattisgarh

कोरबा . जिले के दो युवा वर्णित नेगी और सुरेश जगत को यूपीएससी की परीक्षाओं में बड़ी सफलता मिली है। वर्णित को जहां ऑल इंडिया 504 वां रैंक मिला तो वहीं सुरेश ने 554 वां रैंक हासिल किया है। दोनो युवाओं में एक दिलचस्प समानता है।

वर्णित के पिता डीएस नेगी पाली विकासखण्ड के हाई स्कूल परसदा के प्राचार्य हैं। तो सुरेश ने इसी स्कूल से 10वीं तक की पढ़ाई पूरी की है। पुत्र व इसी स्कूल के शिष्य की सफलता पर दोनो युवाओं से ज्यादा प्रसन्नता परसदा के प्राचार्य डीएस नेगी के मन में है।

हालांकि उन्होंने यह भी बताया कि सुरेश जब परसदा स्कूल में था, तब उनकी पोस्टिंग यहां नहीं थी। लेकिन सुरेश के बड़े भाई परसदा के सरपंच भी हैं। स्कूल के पूरे स्टाफ ने सुरेश के घर जाकर उन्हें बधाई दी है।

पत्रिका से चर्चा के दौरान प्राचार्य नेगी ने बताया कि वर्णित टॉप 100 में अपना स्थान नहीं बना सका है। जिससे वह थोड़ा निराश है। शंका यह है कि 504 वां रैंक होने के करण आईएस का पद शायद न मिले। लेकिन मैने उससे अगली बार और ज्यादा मेहतन करने को कहा है। फिलहाल जो सफलता मिली है,

वह बड़ी है। वर्णित ने प्राथमिक स्तर की पढ़ाई जशपुर से की है। इसके बाद स्कूल की पढ़ाई बिलासपुरकोटा में रहकर पूरी की। इसके बाद एनआईटी सूरतकल, कर्नाटक से इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद कैंपस सिलेक्शन हुआ और दो डेढ़ साल तक सेलर पावर जेड कंपनी में कार्य भी किया। लेकिन फिल जॉब छोड़कर यूपीएससी की तैयारी की और एक दिन पहले जारी हुआ ताजा परिणाम में ऑल इंडिया लेवल पर 504वां रैंक हासिल किया।

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मूलत: पाली विकासखण्ड के ग्राम परसदा के सुरेश कुमार जगत ने भी हाल ही जारी किए गए यूपीएससी के परीक्षा में 556वां रैंक हासिल किया है। पिता रामकुमार जगत किसान हैं। माता-पिता के पांच पुत्रों में सबसे छोटे सुरेश को चौंथे प्रयास में 556 रैंक हासिल हुआ है।

ऐसी संभावना है कि आदिवासी वर्ग से होने के कारण सुरेश को इतने रैंक में भी आईएस का पद मिल जाएगा। सुरेश ने बताया कि प्राथमिक शिक्षा ग्राम में ही पूरी हुई। सरकारी हाई स्कूल परसदा से 10वीं तक पढ़े हैं। जबकि उच्च शिक्षा बिलासपुर और रायपुर से हुई है।

2012 से 2015 के बीच वह एनटीपीसी व केन्द्रीय जल आयोग के प्रतिष्ठित पदों पर कार्य कर चुके हैं। वर्तमान में यूपीएससी से ही चयनित होकार भारतीय रेल सेवा की सर्विस में हैं। सुरेश की सफलता इसलिए भी खास है क्योंकि वह बिना कोचिंग के ही स्व अध्ययन करते रहे हैं। इंटरव्यू में सुरश से बैंकिंग, आधार कार्ड और छत्तीसगढ़ में नक्सल समस्या से संबंधित सवाल पूछे गए।