
किसानों ने कहा उपजाऊ जमीन की बजाय कहीं और से गुजरेगा एनएच तो होंगे सुखी, समस्याएं और भी देखिए वीडियो...
कोरबा. सरकार द्वारा लोकसुराज अभियान से लेकर ग्रामों में जनसमस्या निवारण शिविरों का भी आयोजन किया जाता है। लेकिन जनदर्शन में आने वाले लोगों की संख्या कम नहीं हो रही है। हर हफ्ते सोमवार को जब भी कलेक्टर का दरबार लगता है तब सैकड़ों लोग समस्याओं के निदान की उम्मीद में कलेक्टर से मिलने पहुंचते हैं। राशन कार्ड पेंशन जैसी छोटी-मोटी समस्याओं का भी पंचायत व ब्लॉक स्तर पर निराकरण नहीं हो पा रहा है। जिसके कारण जनदर्शन की लाईन अब इतनी लंबी हो चुकी है कि यहां कतार में लगने के दो घण्टे के इंतजार के बाद ही आवेदकों को नंबर आता है। जनदर्शन में पहुंचने वाले ज्यादातार लंबी कतार में दो से तीन घण्टे के इंतजार के बाद भी कलेक्टर से मुलाकात कर पाते हैं।
सुतर्रा के किसानों की चिंता गांव से गुजरने वाली प्रस्तावित फोर लेन एनएच ने बढ़ा दी है। किसान का कहना है कि एनएच के लिए गांव के जिन खेतों की जमीन का अधिग्रहण प्रशासन द्वारा किया जा रहा है। वह बेहद उपजाऊ खेत हैं। इसलिए प्रशासन से आग्रह है कि इस भूमि को छोड़कर अन्य स्थान पर सर्वे पर विकल्प तलाशें। फूल सिंह, रामसिंह, सपूरनसिंह, नर्मदा, संपतसिंह, मालिकराम, उमेंद सिंह आदि ने बताया कि पोड़ी उपरोड़ा तहसील के ग्राम सुतर्रा के पटवारी हल्का क्रमांक ३५ में एनएम क्रमांक १११ के लिए तकरीबन ५० किसानों की भूमि का अधिग्रहण किया जाना प्रस्तावित है। यहां की भूमि बहरा(उपजाऊ) किस्म की है। इसलिए हमारी मांग है कि इस भूमि के स्थान पर टिकरा(बंजर) भूमि का अधिग्रहण किया जाए। जोकि हमारी भूमि से १०० मीटर की दूरी पर होनी चाहिए। ऐसी भूमि गांव में उपलब्ध भी है। किसानों ने आगे यह भी उल्लेख किया है कि यदि उपजाऊ भूमि का अधिग्रहण किया जाता है, तो हम दाने-दाने को मोहताज हो जाएंगे।
पीएचसी में डॉक्टर रहते हैं नदारद, नहीं मिलती सुविधा
अजगरबार से आई महिलाओं ने प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में डॉक्टर के नदारद रहने से सुविधाओं के अभाव की शिकायत कलेक्टर से की है। शिकायत लेकर पहुंची लक्ष्मीन बाई, अघन बाई, कांती बाई, रतन कुंवर आदि ने बाताया कि गांव अजगरबहार पीएचसी में डॉक्टर सदैव नदारद रहते हैं। वहां जननी सुरक्षा योजना के तहत प्रसूताओं को दी जाने वाली राशि भी नहीं दी जाती। उल्ट प्रसव कराने के लिए पैसे मांगे जाते हैं। अजगरबाहर के पीएचसी में लेमरू आदि स्थानों से लोग इलाज के लिए आते हैं। लेकिन सुविधा नहीं मिलने के कारण सभी कोरबा जाने को विवश हो जाते हैं।
स्वच्छता मित्रों को नहीं मिला तीन माह का मानदेय
स्वच्छ भारत मिशन के अंतरर्गत गांवों को ओडीएफ बनाने के दौरान स्वच्छता दूत को नियुक्त किया गया था। लेकिन अब इन्हें तीन-तीन माह को मानदेय नहीं किदया गया है। इसकी शिकायत करने पहुंचे दीनानाथ, महेश, अमर आदि ने बताया कि हम सभी पोड़ी ब्लॉक के लैंगा क्लस्टर में बतौर स्वच्छता दूत के पद पर कार्यरत थे। सभी को पांच माह के लिए छ: हजार रूपए प्रतिमाह मानदेय की दर पर रखा गया था। दो महीने का मानदेय देने के बाद तीन महीनो का भुगतान नहीं किया गया है। लगभग पूरे ब्लॉक का यही हाल है।
आवास व पेंशन के लिए गुहार
बालको क्षेत्र के वार्ड क्रमांक ३४ के चेकपोस्ट निवासी बुधराम का बदकिस्मती से एक पैर नहीं है। अपने छोटे से पुत्र को लेकन वह जनदर्शन में पहुंचे और कलेक्टर से विकलांग पेंशन और पीएम आवास योजना के तहत आवास की मांग की है। बुधराम ने ज्ञापन में उल्लेख किया है कि मैं बेहद गरीब हूं, और विकलांग होने के कारण आजीविका का प्रबंध नहीं कर पाता है। पूर्व में भी मेरे द्वारा पेंशन की मांग की गई थी। लेकिन वह अब तक पूरी नहीं हुई है।
Published on:
18 Jun 2018 10:03 pm
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