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ऐसी कौन सी मजबूरी है कि शहर में डम्प कर रहे राखड़ : राजस्व मंत्री

कोरबा. मेडिकल कॉलेज के लिए जिस जमीन को चिन्हित किया गया है उसी से लगी जमीन पर नया टीपी नगर प्रस्तावित किया जा रहा है। मुख्य मार्ग से प्रस्तावित जमीन के बीच बांस बाड़ी है। टीपीनगर पहुंचने के लिए भारी वाहनों हेतु मार्ग ही नहीं है। शहर में राखड़ पाटने पर प्रतिबंध है, इसके बाद भी प्रशासन के अधिकारी राखड़ जगह-जगह क्यों पटवा रहे हैं।

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ऐसी कौन सी मजबूरी है कि शहर में डम्प कर रहे राखड़ : राजस्व मंत्री

ऐसी कौन सी मजबूरी है कि शहर में डम्प कर रहे राखड़ : राजस्व मंत्री

उक्त बातें राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने सोमवार को मीडिया से चर्चा के दौरान कही। उन्होनें ने कहा कि बरबसपुर से बेहतर दूसरा विकल्प नहीं हो सकता। बरबसपुर में जहां कचरे का ढेर बताकर काम में अडं़गा लगाने का प्रयास किया जा रहा है। उसका निष्पादन शुरु हो चुका है। कचरे को लेकर इतनी फिक्र है, लेकिन राखड़ को लेकर अधिकारी इतने बेफिक्र क्यों हैं? शहर में राखड़ पाटने पर प्रतिबंध है, इसके बाद भी प्रशासन के अधिकारी राखड़ जगह-जगह क्यों पटवा रहे हैं। आखिर ऐसी कौन सी मजबूरी है।

कटघोरा को जिला बनाने का निर्णय सीएम का
कटघोरा को जिला बनाने की मांग को लेकर सवाल पर राजस्व मंत्री ने कहा कि अगर कटघोरा जिला बनता है तो कोरबा जिले में सिर्फ करतला और कोरबा ब्लॉक का आधा हिस्सा ही रह जाएगा। नए जिले को लेकर अंतिम निर्णय सीएम का ही होगा जो स्वीकार्य होगा।

डीएमएफ की जांच करा लें, किसने रोका है?
केन्द्रीय गृह मंत्री के डीएमएफ के नौ हजार करोड़ के हिसाब के सवाल पर राजस्व मंत्री ने कहा कि हमनें तो भाजपा शासनकाल में भी कलेक्टर की शिकायत की थी। पिछले कलेक्टर की भी डीएमएफ की शिकायत की थी। नौ हजार करोड़ भाजपा शासन काल से आज तक का है। केन्द्र सरकार को इसकी जांच के लिए आखिर किसने रोका है।