
Holika dahan in Amarpur village
बैकुंठपुर. Amarpur holi: कोरिया जिले के ग्राम पंचायत अमरपुर में होली मनाने की अनोखी परंपरा आजादी के पहले से चली आ रही है। यहां एक सप्ताह पहले ही होली मना ली जाती है। मंगलवार को यहां विधि-विधान से होलिका का दहन हुआ। वहीं बुधवार को पूरा गांव रंगों से सराबोर होगा। वे जमकर गुलाल व अबीर उड़ाएंगे। मान्यता है कि यदि एक सप्ताह पहले यहां होलिका दहन व होली नहीं खेली गई तो गांव में कोई न कोई अनहोनी होती है। इसी डर से ग्रामीण परंपरा का निर्वहन करते आ रहे हैं।
कोरिया जिला मुख्यालय बैकुंठपुर से करीब 12 किलोमीटर दूर स्थित ग्राम पंचायत अमरपुर में ग्रामीण एक सप्ताह पहले रंगों का त्योहार होली पर्व धूमधाम से मना पूर्वजों की परंपरा का निर्वहन कर रहे हैं। होली पर्व से पहले गांव में बैठक होती है और एक सप्ताह पहले होलिका दहन करते हैं।
फिर अगले दिन विधि-विधान से देवल्ला में पूजा-अर्चना कर एक दूसरे को रंग-गुलाल और अबीर लगाकर होली की शुभकामनाएं देते हैं। गांव के बुजुर्ग व युवा वर्ग फाग गीतों पर जमकर झूमते हैं। अमरपुर में होली खेलने और देखने के लिए आसपास के ग्रामीण पहुंचते हैं।
गांव में किसी प्रकार की अनहोनी को टालने हर साल एक सप्ताह पहले होली पर्व मनाया जाता है। वर्ष 2024 में भारतीय कैलेंडर के अनुसार होलिका दहन 24 मार्च और होली पर्व २५ मार्च को मनाया जाएगा। लेकिन अमरपुर में एक सप्ताह पहले होली खेलने की परंपरा हैं, जो कोरिया जिला सहित आसपास में बहुत प्रसिद्ध है।
किसी अनहोनी को टालने बनाई गई है पंरपरा
ग्रामीणों के अनुसार त्योहार एक सप्ताह पहले मनाने से गांव के किसी परिवार में अनहोनी व किसी प्रकार की अप्रिय घटना नहीं होती है। गांव के लोगों को अनहोनी से बचाने के लिए वर्षों से एक सप्ताह पहले होली खेली जाती है। वहीं पूर्वजों ने सालों पहले होली को पहले मनाने का रिवाज बनाया है।
इस कारण ग्रामीण अपने बुजुर्गों के बनाए नियम का पालन कर होली पर्व मनाते हैं। अमरपुर में वर्षों पहले बुजुर्गों की परंपरा को कायम रखा गया है। ग्रामीण ने पारंपरिक ढोलक, मंजीरे की थाप के साथ होली का त्योहार मनाते हैं। वहीं युवा व बच्चे आधुनिक डीजे व बाजे-गाजे के साथ होली खेलते हैं।
बैगा ने सलाह दी थी सलाह, सप्ताहभर पहले मनाते हैं त्योहार
ग्रामीणों का कहना है कि गांव में वर्षों से होली, पोला, हरेली व दिवाली का त्योहार यहां एक सप्ताह पहले मनाया जाता है। इससे गांव में किसी प्रकार की अनहोनी व अप्रिय घटना नहीं होती है।
वर्षों पहले होली त्योहार के दिन एक ग्रामीण के घर में अप्रिय घटना हुई थी। इस दौरान एक पुरोहित ने एक सप्ताह पहले होली त्योहार मनाने की सलाह दी थी और तब से लेकर आज तक यह परंपरा कायम है।
बुजुर्गों की बनाई गई है परंपरा
हमारे गांव में होली का पर्व सप्ताहभर पहले मनाया जाता है। यह बुजुर्गों की बनाई परंपरा है। वर्षों पहले गांव में अनहोनी हुई थी। जिससे रोकने के लिए ऐसा करते हैं।
धनेश्वरी सिंह, सरपंच ग्राम पंचायत अमरपुर
Published on:
19 Mar 2024 06:34 pm
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