
खूंखार तेंदुआ: तिलौली में दो मवेशियों को फिर मार डाला, खोजने लगाए 11 ट्रैपिंग कैमरे
बैकुंठपुर। जनकपुर वनपरिक्षेत्र में खूंखार तेंदुए की खोजबीन करने ११ ट्रैपिंग कैमरे लगाए गए हैं। इधर कुंवारपुर तिलौली में सोमवार रात दो मवेशियों को फिर अपना शिकार बनाया है। हालाकि तेंदुए के मारने की पुष्टि नहीं हुई है। फिलहाल दो दिन से फॉरेस्ट, वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट की टीम मौके पर मौजूद है और स्नीफर डॉग की मदद से खोजबीन में जुटी है। जानकारी के अनुसार जनकपुर-कुंवारपुर परिक्षेत्र में पिछले ३६ दिन में तीन ग्रामीण की खंूखार तेंदुए के हमले में मौत के बाद हड़कंप मचा हुआ है। मामले में कोरिया-एमसीबी सहित कांकेर, सरगुजा, रायपुर से एक्सपर्ट टीम पहुंची है। आधा दर्जन पिंजड़ा लगाकर कभी बकरा, कभी मुर्गी तो कभी कुत्ते का पिल्ला बांध चुके हैं। लेकिन खूंखार तेंदुआ पिंजड़े के आसपास तक नहीं भटक रहा है। फॉरेस्ट-वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट काफी परेशान हैं। वहीं स्नीफर डॉग की मदद ली गई, लेकिन तेंदुए के पंचों के निशान के पीछे ही दौड़ता रह गया। वर्तमान में विचरण एरिया में करीब ११ ट्रैपिंग कैमरे लगाए गए हैं। लेकिन पिछले दो दिन में कहीं भी तेंदुए का लोकेशन ट्रैस नहीं हुआ है। फिलहाल वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट की दो टीम जनकपुर में तैनात है। तमोर पिंगला से एक हाथी तिलक शाम को जनकपुर पहुंच गया है। टं्रैकुलाइज टीम हाथी में सवार होकर खंूखार तेंदुए की खोजबीन कर ट्रैंकुलाइज करेगी।
जनकपुर में दहशत, सात दिवसीय मेला, तीन दिन में बंद करा दिया
जनकपुर क्षेत्र में खूंखार तेंदुए के आतंक को ध्यान में रखकर सात दिन तक लगने वाले कैलाश मंदिर में मकर संक्रांति मेला को तीन दिन में बंद करा दिया गया है। संक्रांति मेला १४ से २० जनवरी तक लगना था। लेकिन जनपद पंचायत ने एसडीएम भरतपुर से चर्चा कर तेंदुए के आतंक को ध्यान में रखकर तीन दिन में १६ जनवरी को ही बंद करा दिया है। वहीं मेला स्थल से टेंट, सामान सहित अन्य चीजें खाली कराने मंगलवार शाम तक समय दिया गया।
ग्रामीण बच्चों को स्कूल भेजने को तैयार नहीं, गिनती के पहुंच रहे
जनकपुर के ग्राम कुंवारी में तेंदुए के हमले में एक युवक की मौत के बाद ग्रामीण अपने बच्चों को स्कूल भेजने को तैयार नहीं हैं। सिर्फ स्कूल के आसपास के बच्चे पढऩे पहुंच रहे हैं। कुंवारी प्राइमरी स्कूल में ३१ दर्ज संख्या में सिर्फ ६ बच्चे पहुंचे थे। यही हाल तेंदुए विचरण प्रभावित गांव में संचालित प्राइमरी-मिडिल स्कूलों का है। कई स्कूल में बच्चों की दर्ज संख्या घट गई है। आसपास के ग्रामीण जंगल जाना बंद कर दिये हैं और शाम ढलते ही ग्रामीण अपने-अपने घरों में कैद हो जाते हैं।
Published on:
17 Jan 2023 08:56 pm
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