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गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान: कोरिया वनमंडल के 100 कंपार्टमेंट आएंगे प्रस्तावित टाइगर रिजर्व के हिस्से

रेलगुर वनपरिक्षेत्र कोटाडोल के ५६ और सोनहत-देवगढ़ के ४४ कंपार्टमेंट जुड़ जाएगा।

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गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान: कोरिया वनमंडल के 100 कंपार्टमेंट आएंगे प्रस्तावित टाइगर रिजर्व के हिस्से

गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान: कोरिया वनमंडल के 100 कंपार्टमेंट आएंगे प्रस्तावित टाइगर रिजर्व के हिस्से





बैकुंठपुर। गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान टाइगर रिजर्व के रूप में अस्तित्व आते ही कोरिया वनमंडल के १०० कंपार्टमेंट जुड़ जाएंगे। साथ ही टाइगर रिजर्व के भीतर कोर व बफर एरिया के बाद तीसरा नया इको सेंसेटिव जोन अस्तित्व में आएगा।
जानकारी के अनुसार करीब एक साल पहले एनटीसी दिल्ली(नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी) से गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान सोनहत कोरिया को टाइगर रिजर्व बनाने अनुमति मिली है। छत्तीसगढ़ सरकार के नोटिफिकेशन के बाद टाइगर रिजर्व अस्तित्व में आएगा और संभवत: भारत का 53वां टाइगर रिजर्व कहलाएगा। पहले गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान का एरिया 1440.57 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ था। वर्ष २००४-०५ के सर्वे में बाघ, तेंदुआ, नीलगाय सहित 32 प्रकार के वन्यजीव प्राणी विचरण करने का डेटा तैयार है। कोरिया के गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान और सरगुजा के तमोर पिंगला अभयारण्य को मिलाकर टाइगर रिजर्व बनाने अनुमति मिली। पहली बार टाइगर रिजर्व का क्षेत्रफल आया। क्षेत्रफल 2 हजार 829 वर्ग किलोमीटर टाइगर रिजर्व का हिस्सा होगा। टाइगर रिजर्व के कोर जोन में 2 हजार 49 वर्ग किलोमीटर तथा बफर जोन में 780 वर्ग किलोमीटर का जंगल है। जिसमें कोरिया वनमंडल के तीन वनपरिक्षेत्र कोटाडोल, सोनहत व देवगढ़ के १०० कंपार्टमेंट को जोडऩे चिह्नित है। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ फॉरेस्ट ने वर्ष 2019 में गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान और तमोर पिंगला अभयारण्य को टाइगर रिजर्व बनाने का प्रस्ताव पारित किया है।

ये गांव शामिल हैं कोर व बफर जोन में
गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान के पुराने क्षेत्रफल 1140.57 वर्ग किलोमीटर को कोर व बफर जोन में बंटा हुआ है। वहीं टाइगर रिजर्व घोषित होन के बाद तीसरा इको सेंसेटिव जोन अस्तित्व में आएगा। जिसमें कोर व बफर जोन की तरह निर्माण नहीं कराए जाएंगे। फिलहाल कोर एरिया में ग्राम कुदरा, पपरहा, ढुलारी, ढाब, कटरंगी, कोरमी, खोहरा, रसौकी, चिचियो, लूल, सुखाड़, खोखनिया, गोपदनगर, मुलुकनार, छतौड़ा, बडग़वांखुर्द, रेवला, मझगवां, सुखतरा, धनपुरा, समेरिया, उधेनी, कुर्थी चिह्नित हैं। वहीं बफर एरिया में थोडग़ी, बेजनपाठ, तेलईपाठ, सोनवाही, सीतापुर, औणी, तर्रीपानी, बधवार और वीराम गांव के रूप में ओदारी बड़वार शामिल हैं।

कोरिया वनमंडल के तीन परिक्षेत्र कोटाडोल, देवगढ़ व सोनहत के करीब १०० कंपार्टमेंट को गुरु घासीदास नेशनल पार्क में जोड़ा जाएगा। पार्क प्रबंधन ने पहले ही सर्वे व एरिया चिह्नित करा लिया है।
जेनी ग्रेस कुजूर, एसडीओ कोरिया वनमंडल बैकुंठपुर


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