मनेंद्रगढ़। शहर के देवी मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। कई देवालयों व मंदिरों की प्रसिद्धि व यश का गुणगान इसी बात से पता चलता है कि दिनभर भक्तों की भीड़ माता के दर्शन को पहुंच रही है। वहीं तीन दशक पुराने विवेकानंद महाविद्यालय के पीछे स्थित शारदा मंदिर में भक्तों की भीड़ सुबह शाम देखते ही बन रही है। माता की नयनाभिराम मूर्ति अपने आप में श्रद्धालुओं को अपनी आप खींच रही है। बताया जाता है कि 70 वर्षीय बाबा सुंदर लाल ने मंदिर की आधारशिला रखकर निर्माण की शुरुआत कराई थी। पर तीन दशक के बाद अब मंदिर मूर्त रूप ले चुका है। काफी दूर-दराज से श्रद्धालुओं ने माता के दर्शन कर मनोकामना दीप प्रज्ज्वलित कराई है। वहीं मजिस्ट्रेट, नपाध्यक्ष, अधिकारी, पूर्व अध्यक्ष व पार्षदों ने अपने और परिवार के नाम से दीप प्रज्ज्वलित कराई है। महंत का कहना है कि चेन्नई, दिल्ली, गुजरात, इलाहाबाद, रायपुर, बिलासपुर सहित दूरदराज से जो नहीं आ पाते हैं। फोन से ही दीप प्रज्ज्वलित करने की अर्जी लगा देते हैं। महंत का कहना है कि जब मंदिर का निर्माण कराया गया था। उस समय शहर में कहीं दीप प्रज्ज्वलित नहीं होती थी। दीप प्रज्वलन की परंपरा शारदा मंदिर से ही प्रारंभ हुई है। मंदिर में माता शारदा के अलावा मां काली, मां दुर्गा की प्रतिमा मंदिर में स्थापित की गई है।