
अनोखी परंपरा
Unique tradition of Chhattisgarh: पत्रिका @ योगेश चंद्रा/आयुब अंसारी बैकुंपुर/चिरमिरी पोड़ी। काले हीरे की नगरी के नाम से प्रसिद्ध चिरमिरी में ऑटो-टैक्सियां नहीं चलती हैं। इसलिए हर कोई लिफ्ट लेकर एक स्थान से दूसरे स्थान तक आसानी से पहुंच जाते हैं। शहर की परंपरा ऐसी बन गई है कि कोई भी बाइक-स्कूटी सवार सड़क किनारे खड़े अनजान (बाहर से आए नए लोग) को देखकर स्वयं ही रुक जाते हैं।
मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले का नगर पालिका निगम चिरमिरी पहाड़ पर बसा हुआ है। इस हिल स्टेशन की आबादी करीब 85 हजार है। पहाड़ी इलाका होने के कारण शहर में ऑटो व टैक्सियां नहीं चलती हैं। अविभाजित मध्यप्रदेश के जमाने में यहां स्कूटर (Unique tradition of CG) ही गिनती के थे। जिसमें कॉलरी कर्मी दो-तीन एक साथ सवार होकर ड्यूटी आना-जाना करते थे। फिर यही चिरमिरी में एक परंपरा बन गई। फिर शहर के एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाने के लिए लिफ्ट लेकर सफर करते हैं।
एसईसीएल एरिया होने के कारण चिरमिरी में भारत से अलग-अलग प्रांत से लोग यहां कार्यरत हैं। जिसमें ओडिशा, बिहार, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, दिल्ली, झारखंड, पं. बंगाल सहित अन्य राज्य शामिल हैं।
ये हैं प्रमुख इलाके
चिरमिरी में कई ऐसे क्षेत्र हैं। जो अलग-अलग जगह पर स्थित हैं। जैसे डोमनहिल, गोदरीपारा, बरतुंगा, बड़ा बाजार, गेल्हापानी, कोरिया कालरी, छोटी बाजार, पोड़ी हल्दीबाड़ी शामिल हैं। एक इलाके से दूसरे इलाके की दूसरे इलाके की दूसरी 3-5 किलोमीटर तक है। लेकिन लिफ्ट परंपरा के कारण लोग एक स्थान से दूसरे स्थान पहुंच सकते हैं।
शहरवासी भी आसानी से लिफ्ट लेने वाले व्यक्ति को गंतव्य तक पहुंचा देते हैं। लिफ्ट मांगने वालों में सबसे ज्यादा विद्यार्थी व शहर में आने वाले नए लोग होते हैं। इसमें महिलाएं भी आगे हैं। जो विद्यार्थी वर्ग से लेकर जरूरतमंदों को लिफ्ट देकर गंतव्य तक पहुंचा देते हैं।
इतनी दूरी है इलाकों की
- पोड़ी से हल्दीबाड़ी 3 किमी।
- हल्दीबाड़ी से बड़ा बाजार 3 किमी।
- बड़ा बाजार से गोदरीपारा 1 किमी।
- बड़ा बाजार से बरतुंगा 3 किमी।
- गोदरीपारा से डोमनहील 4 किमी।
- डोमनहिल से गेल्हापानी 3 किमी।
- गेल्हापानी से कोरिया कालरी 2 किमी।
- पोड़ी से नागपुर की दूरी 7 किमी।
- बड़ा बाजार से दुबछोला 3 किमी।
चिरमिरी में लिफ्ट लेकर एक स्थान से दूसरे स्थान तक कोई भी राहगीर आसानी से पहुंच जाते हैं। शहर में लिफ्ट लेने-देने की परंपरा काफी पुरानी है। क्योंकि पहाड़ी पर बसे होने के कारण ऑटो टैक्सियां नहीं चलती हैं। आपसी सहयोग से आवागमन करते हैं। - राय सिंह, पार्षद, पोड़ी चिरमिरी
बिना किसी संकोच के लोगों को लिफ्ट देकर गंतव्य स्थान तक पहुंचाना चिरमिरी की भाईचारा और खूबसूरती है। हमने भी विकास के नए आयाम स्थापित किए हैं। जल्द ही शहर का नाम विकसित शहरों में भी दर्ज होगा। - कंचन जायसवाल, महापौर, चिरमिरी
Updated on:
06 Sept 2023 02:54 pm
Published on:
06 Sept 2023 02:51 pm
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