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Sick wife in husband lap: Video: एंबुलेंस पहुंचने तक की सडक़ नहीं, बीमार पत्नी को गोद में उठाकर 5 किमी पैदल चला पति- देखें वीडियो

Sick wife in husband lap: मनेंद्रगढ़ विकासखंड के ग्राम पंचायत सरभोका के आश्रित गांव में बुनियादी सुविधाओं का है अभाव, महीनेभर के भीतर ऐसे 3 मामले आ चुके हैं सामने

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Sick wife in husband lap

Sick wife in husband lap

बैकुंठपुर। मनेंद्रगढ़ विकासखंड के सरभोका पंचायत के नवाडीह गांव तक सडक़ ही नहीं है। ऐसे में यदि कोई बीमार पड़ जाता है तो एंबुलेंस तक यहां नहीं पहुंच पाता। ऐसे ही एक मामले में सडक़ से जूझ रहे इस गांव के एक युवक को अपनी बीमार पत्नी को गोद (Sick wife in husband lap) में उठाकर करीब 5 किलोमीटर पैदल चलना पड़ा, इसके बाद सडक़ मिली। इस दौरान उसे रास्तेभर कई बार रुक-रुक कर विश्राम करना पड़ा।

एमसीबी जिले के ग्राम पंचायत सरभोका के आश्रित ग्राम नवाडीह छापरपारा (Sick wife in husband lap) पहाड़ी इलाके में बसा है। यहां विशेष पिछड़ी जनजाति के लोग अधिक निवासरत हैं। यहां की जनसंख्या करीब 500 है। यह गांव नगर निगम चिरमिरी की सीमा से लगा हुआ है और स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल का गृह जिला है। लेकिन गांव तक पहुंच मार्ग नहीं बना है।

प्रशासनिक अनदेखी के कारण राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहे जाने वाले पंडो जनजाति के लोग परेशान हैं। शनिवार को उर्मिला पंडो पति सुपेंदर पंडो की तबीयत अधिक खराब हो गई। बीमार पत्नी (Sick wife in husband lap) को अस्पताल ले जाने एंबुलेंस को फोन कर बुलाया। लेकिन गांव तक पहुंच मार्ग नहीं होने के कारण एंबुलेंस नहीं पहुंच पाई।

ऐसे में पत्नी को गोद (Sick wife in husband lap) में उठाकर 5 किमी पैदल चलकर नवाडीड स्कूल के पास पहुंचा, जहां एंबुलेंस खड़ी थी। फिर एंबुलेस से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नागपुर में भर्ती कराया गया है, जहां प्राथमिक उपचार के बाद जिला अस्पताल बैकुंठपुर के बाद अंबिकापुर रेफर कर दिया गया है।

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Sick wife in husband lap: तीसरी बार सामने आई ऐसी तस्वीरें

ग्राम नवाहीह से इससे पहले 2 बार मरीज को चारपाई पर ढोकर 5 किलोमीटर पैदल चलकर मुख्य सडक़ तक लाया गया था। उबड़-खाबड़ रास्ते से आधी रात को गर्भवती (Sick wife in husband lap) को 5 किलोमीटर तक चारपाई पर ढोकर अस्पताल पहुंचाया गया था, जिसमें नवजात की मौत हो गई थी। ग्रामीणों का कहना है कि आजादी के बाद आज तक सडक़ नहीं बन पाई है।

गांव में राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र पंडो जनजाति की संख्या ज्यादा है। साथ ही कुछ गोंड समाज के लोग भी निवासरत हैं। वन ग्राम होने के कारण आज तक पक्की या कच्ची सडक़ नहीं बन पाई है।

जनप्रतिनिधियों का इस क्षेत्र में आवागमन की सुविधा (Sick wife in husband lap) मुहैया कराने कई बार गुहार लगा चुके हैं। मामले में पंडो समाज के जिलाध्यक्ष लक्ष्मण पंडो, उपाध्यक्ष रमेश लाल पंडो, सचिव प्रमोद पंडो ने जिला प्रशासन से प्रत्येक पंडो बस्ती में स्वास्थ्य शिविर लगाकर जांच कराने मांग रखी है।

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पीएमजीएसवाई से बनेगी सडक़

पीएमजीएसवाई मनेंद्रगढ़ के ईई एमआर सिंह का कहना है कि पीएमजीएसवाई योजना से सडक़ निर्माण के लिए सर्वे करा रहे हैं। 4.3 किलोमीटर मुख्य मार्ग से नवाडीह पंडोपारा (Sick wife in husband lap) तक सडक़ बनना प्रस्तावित है।