
कोटा . वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय (वीएमओयू) में पुस्तकों के प्रकाशन और वितरण की व्यवस्था पूरी तरह बेपटरी है। जुलाई 2017 सत्र की परीक्षा एक जून से शुरू होनी है, लेकिन एक महीने पहले तक 14,530 विद्यार्थियों को किताबी किताबें नहीं मिल सकी हैं। ऐसे में उनके भविष्य पर संकट खड़ा हो गया है।
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वीएमओयू के जुलाई 2017 सत्र में 85,882 छात्रों को 5,39,588 पुस्तकें भेजी जानी थी, लेकिन विवि का पाठ्य सामग्री उत्पादन एवं वितरण विभाग सोमवार तक सिर्फ 71,352 छात्रों को ही किताबें भेज सका। इस सत्र में दाखिला लेने वाले 14,530 छात्र अब भी किताबों का इंतजार कर रहे। इन छात्रों को अभी 1,07,648 किताबें भेजी जानी हैं, लेकिन विवि के पास किताबें नहीं हैं।
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जनवरी सत्र : बुरा हाल
जनवरी 2018 सत्र का हाल तो और भी बुरा है। इस सत्र में अभी तक दाखिला ले चुके 21,426 विद्यार्थियों को 1,27,206 किताबें भेजी जानी हैं। जबकि वीएमओयू का पाठ्य सामग्री उत्पादन एवं वितरण विभाग सिर्फ 2,166 विद्यार्थियों को 13,188 किताबें ही इश्यू कर सका है। इस सत्र के 19,260 विद्यार्थियों के लिए भी 1,14,018 किताबों का विवि के पास कोई इंतजाम नहीं।
वीएमओयू के कुलसचिव मुरलीधर प्रतिहार ने बताया कि विवि के कर्मचारी दाखिले के मुताबिक कितनी किताबें छपवानी हैं इसका अंदाजा नहीं लगा सके। इसलिए छात्रों को समय से किताबें मिलने में दिक्कत आई। कोशिश है कि जल्द से जल्द किताबें भिजवाएं।
ढर्रे से उतरी व्यवस्था
छात्रों को किताबें उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी विवि के पाठ्य सामग्री उत्पादन एवं वितरण विभाग की है। जनवरी 2017 तक विवि दाखिला लेते ही छात्रों को ऑन स्पॉट किताबें उपलब्ध करा रहा था। पिछले एक साल में विभाग के पांच निदेशक बदले, किसी ने पर्याप्त किताबें छपवाने का ऑर्डर नहीं दिया। खामियाजा छात्र भुगत रहे।
Published on:
10 Apr 2018 12:58 pm
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