script

कोटा में 17 ब्लैक फंगस के नए मरीज सामने आए

locationकोटाPublished: May 23, 2021 11:50:23 am

Submitted by:

Abhishek Gupta

कोटा में शनिवार को ब्लैक फंगस के नए मामले सामने आए है। एमबीएस अस्पताल में 8 व दो निजी अस्पतालों में 9 मरीज ब्लैक फंगस के भर्ती हुए है।

कोटा में 17 ब्लैक फंगस के नए मरीज सामने आए

कोटा में 17 ब्लैक फंगस के नए मरीज सामने आए

कोटा. कोटा में शनिवार को ब्लैक फंगस के नए मामले सामने आए है। एमबीएस अस्पताल में 8 व दो निजी अस्पतालों में 9 मरीज ब्लैक फंगस के भर्ती हुए है। एमबीएस अस्पताल के ईएनटी विशेषज्ञ डॉ. आरके जैन ने बताय कि कोरोना संक्रमण के बाद ब्लैक फ ंगस भी घातक महामारी के रूप में सामने आया है। एमबीएस चिकित्सालय की न्यूरो इंटरवेंशन ओटी में ब्लैक फ ंगस का पहला ऑपरेशन हुआ।
ईएनटी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. आरके जैन ने बताया कि एक 32 वर्षीय मरीज का ऑपरेशन किया गया है, जांच के लिए टिशू को बायोप्सी के लिए भेजा गया है। इस युवक के फं गस कम दिखाई दे रहा है, लेकिन अभी कुछ कहा नहीं जा सकता। एमबीएस में बनाए गए ब्लैक फ ंगस के 20 बेड के वार्ड में 12 मरीज भर्ती हैं। इस ऑपरेशन में ईएनटी के डॉ. विजय मीणा, डॉ. निखिल गुप्ता, एनेस्थिसिया से डॉ. मुकेश सोमवंशी, डॉ. ऊ षा का विशेष सहयोग रहा। अस्पताल में 8 नए ब्लैक फंगस के मरीज भर्ती हुए है। अब तक कुल 31 मरीज भर्ती हो चुके है। 6 मरीज न्यूरो इंटरवेशन लैब में है।
उन्होंने बताया कि कई मरीजों की ऑक्सीजन सेचुरेशन डाउन है। किसी का शुगर बड़ा हुआ है। कंट्रोल ही नहीं हो पा रहा है। ऐसे में ऑपरेशन करने में खासी दिक्कतें आ रही है। क्योंकि मरीज का सारी चीजें संतुलित होने के बाद ही ऑपरेशन कर सकेंगे। ईएनटी विशेषज्ञ डॉ. विनित जैन ने बताया कि उनके अस्पताल में शनिवार को 7 नए ब्लैक फंगस के मरीज भर्ती हुए है। इनमें 4 कोटा, 1 बारां अंता, 1 बिजौलिया, 1 बारां निवासी है। इनमें दो महिलाएं है और 5 पुरुष है।
डॉ. जैन ने बताया कि वे बिना चीरफाड के दूरबीन सर्जरी से बेहतर ऑपरेशन कर रहे है। इससे शरीर में फंगस रहने की संभावना नहीं रहती है। एक मरीज पांच से सात दिन भर्ती रहता है और दो माह तक इलाज चलता है। उनके अस्पताल में अब तक कुल 34 ब्लैक फंगस के मरीज भर्ती हो चुके है। इनमें से 20 मरीजों का स्वास्थ पहले से बेहतर है। उनके यहां पूरी टीम मरीजों के इलाज के लिए जुटी हुई है।
नेत्र सर्जन डॉ. सुरेश पाण्डेय ने बताया कि उनके अस्पताल में 2 नए ब्लैक फंगस के मरीज भर्ती हुए है। इनमें एक गुना की महिला और दूसरा कोटा का पुरुष है। दोनों की आंखों की रोशनी चली गई है। उनके अस्पताल में अब तक 18 ब्लैक फंगस के भर्ती हो चुके है। इनमें से 10 का स्वास्थ ठीक है।
ब्लैक फ ंगस भी चिरंजीवी योजना में शामिल, इलाज नि:शुल्क होगा

ब्लैक फ ंगस (म्यूकोरमाइकोसिस) को भी चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में शामिल कर लिया गया है। इससे योजना में पात्र लाभार्थियों का इलाज भी कोविड की तरह ही नि:शुल्क हो सकेगा। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने बताया कि ब्लैक फ ंगस रोग की प्रारम्भिक अवस्था में ही जन्द पहचान से इसका उपचार सभव है। र्मोटालिटी को रोकने के साथ ही आंख के खबाब होने और उसे निकालने जाने की नौबत से बचा जा सकता है।
प्रदेश में ब्लैक फ ंगस के अब तक लगभग 700 मरीज चिन्हित हो चुके है। विशेषज्ञ चिकित्सकों के दल ने इस बीमारी के उपचार का प्रोटोकॉल भी निर्धारित कर दिया है। सूचिबद्ध अस्पतालों को इसी प्रोटोकॉल के अनुसार उपचार करने के निर्देश दिए जा रहे है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने निजी चिकित्सालयों में इस बीमारी की दवाइयों एवं इसके उपचार की दरें भी निर्धारित कर दी है। शुरू में 20 राजकीय व निजी अस्पतालों को इसके उपचार के लिए सूचिबद्ध किया गया है।
चिकित्सा मंत्री ने बताया कि विशेषज्ञ चिकित्सकों के अनुसार, कोरोना के उपचार के दौरान अधिक स्टेरॉयड देने से ब्लैक फं गस की आशंका को ध्यान में रखते हुए स्टेरॉयड के संबंध में निर्धारित प्रोटोकॉल की पालना करने के भी निर्देश दिए गए है।

ट्रेंडिंग वीडियो