
एमबीएस कैंसर विभाग
kota news: हर वर्ष 31 मई को पूरे विश्व में विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है, ताकि लोगों को तंबाकू और निकोटिन उत्पादों के दुष्परिणामों के बारे में जागरूक किया जा सके। तंबाकू केवल एक व्यसन नहीं, बल्कि जीवन को धीरे-धीरे खत्म करने वाला जहर है। वर्ष 2025 में विश्व तंबाकू निषेध दिवस की थीम है ‘आकर्षण की परतें हटाना: तंबाकू और निकोटिन उत्पादों पर उद्योग की रणनीतियों को उजागर करना’। यह विषय विशेष रूप से युवाओं को जागरूक करने के लिए तय किया गया है। तंबाकू कंपनियां युवाओं को आकर्षित करने के लिए नए-नए प्रलोभनों, पैकेजिंग और प्रचार माध्यमों का सहारा लेती हैं।
तंबाकू सेवन के कारण प्रतिवर्ष भारत में ही लगभग तेरह लाख लोगों की मृत्यु होती है। लगभग बारह लाख लोग ऐसे होते हैं, जो स्वयं तंबाकू का सेवन नहीं करते, लेकिन दूसरों के धुएं के संपर्क में आकर गंभीर बीमारियों से ग्रस्त हो जाते हैं। हाल ही प्रकाशित एक शोध के अनुसार, भारत में 15 से 24 वर्ष के युवाओं में ई-सिगरेट और वाइपिंग का चलन बढ़ा है और उनमें से लगभग 35 प्रतिशत युवाओं ने इसे सोशल मीडिया या मित्रों के दबाव में आकर अपनाया। यह एक खतरनाक संकेत है जो हमारी अगली पीढ़ी को असमय अंधकार में धकेल सकता है।
धूम्रपान से धब्बेदार अंधदृष्टि का खतरा
नेत्र सर्जन डॉ. सुरेश पाण्डेय ने बताया कि बहुत कम लोग जानते हैं कि तंबाकू आंखों की सेहत को भी गंभीर रूप से प्रभावित करता है। धूम्रपान करने वालों में धब्बेदार अंध:दृष्टि (एज-रिलेटेड मैक्युलरडिजनरेशन) होने की आशंका तीन गुना तक अधिक होती है। इसके अलावा लंबे समय तक तंबाकू सेवन करने वालों में मोतियाबिंद, ऑप्टिक न्यूरोपैथी (दृष्टि तंत्रिका की क्षति) और ड्राय आई सिंड्रोम जैसी समस्याएं आम पाई जाती हैं।
तंबाकू से उत्पन्न बीमारियां अत्यंत खतरनाक
कोटा मेडिकल कॉलेज के कैंसर रोग विभागाध्यक्ष डॉ. आरके तंवर बताते हैं कि हाड़ौती में तम्बाकू सेवन करने व लालदंत मंजन से लोगों में मुंह का कैंसर बढ़ रहा है। विभाग में हर साल 2 हजार नए कैंसर रोगी सामने आते हैं, इनमें तम्बाकू व मंजन के सर्वाधिक होते हैं। तंबाकू से उत्पन्न बीमारियां अत्यंत खतरनाक होती हैं। यह मुंह, गले, फेफड़ों, ग्रसनी, यकृत और पाचनतंत्र के कैंसर का प्रमुख कारण है। तंबाकू हृदय प्रणाली को गंभीर क्षति पहुंचाता है। यह धमनियों को संकुचित कर देता है, जिससे उच्च रक्तचाप, हृदय व मस्तिष्काघात की संभावना कई गुना बढ़ जाती है।
Published on:
12 Jun 2025 06:46 pm
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