
कुलपति से पहले पहुंची विवेकानंद की प्रतिमा
कोटा. कोटा विश्वविद्यालय की नवनियुक्त कुलपति के कार्यभार संभालने से एक दिन पहले ही विवि प्रशासन ने गुरुवार को परिसर में लगी स्वामी विवेकानंद की पत्थर की पुरानी प्रतिमा हटाकर धातुओं से बनी नई प्रतिमा स्थापित करवा दी। पुरानी मूर्ति की फिनिशिंग कराने में 50 हजार रुपए खर्च करने से मना करने वाले अफसरों ने मूर्ति को बदलने में 20.85 लाख रुपए खर्च कर डाले। लोकार्पण नई कुलपति से कराने की तैयारी है। शैक्षणिक सत्र 2011-12 में छात्रसंघ अध्यक्ष सौरभ खांडल ने विवि परिसर में स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा स्थापित करने की मांग की थी। तत्कालीन कुलपति प्रो. मधुसूदन शर्मा ने इसे खारिज कर दिया। तब खांडल ने लोगों से 2 लाख रुपए का चंदा जुटाकर सवाई माधोपुर के मूर्तिकार से प्रतिमा बनवा ली। लेकिन विवि प्रशासन ने स्थापित करने की इजाजत नहीं दी। चार साल बाद एबीवीपी ने आंदोलन छेड़ा तो तत्कालीन कुलपति प्रो. पीके दशोरा ने प्रतिमा स्थापित कराने के लिए 11 लाख रुपए का बजट जारी कर दिया।
तब रातों रात लगाई थी लेकिन...
मार्च 2016 में तीसरे दीक्षांत समारोह में राज्यपाल कल्याण सिंह ने आने की अनुमति तो दी, लेकिन विवि परिसर में जाने से इनकार कर दिया। उन्हें कैंपस में बुलाने के लिए अफसरों ने स्वामी विवेकानंद का सहारा लिया और सवाई माधोपुर से रातों-रात मूर्ति मंगाकर स्थापित करा दी, लेकिन यह प्रतिमा स्वामी विवेकानंद की छवि से मेल नहीं खा रही थी। विवाद बढ़ा तो मूर्तिकार को बुलाया, उसने फिनिशिंग के 50 हजार रुपए और मांगे, लेकिन विवि पैसे देने को राजी नहीं हुआ।
दूसरी मूर्ति पर खर्च हुए 9.85 लाख
छवि बेमेल होने से प्रतिमा अनावरण के बाद राज्यपाल कल्याण सिंह ने मौजूद अफसरों को जमकर फटकार लगाई। उस वक्त अफसरों ने दिसंबर 2017 में लैड, कॉपर, निकल, जिंक और टिन धातुओं के मिश्रण से नई
प्रतिमा बनाने के लिए जयपुर की फर्म को टेंडर जारी किए। आठ महीने में तैयार हुई 1000 किलो वजनी और 12 फीट ऊंची प्रतिमा गुरुवार को विवि परिसर में स्थापित कर दी गई।
छवि मेल नहीं खा रही थी
पुरानी मूर्ति की छवि स्वामी विवेकानंद से मेल नहीं खा रही थी, इसलिए इसे बदला गया। पुरानी मूर्ति की जगह पर ही नई मूर्ति स्थापित कर दी गई है।
डॉ. भवानी सिंह,
समन्वयक, कांट्रेक्ट मॉनिटरिंग कमेटी
Published on:
10 Aug 2018 03:07 pm
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