
Pulwama attack story : जो शहीद हुए हैं उनकी...जरा याद करो कुर्बानी...
सांगोद. 14 फरवरी 2019 का दिन। ऐसा दिन जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता। जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले में देश के 44 जवान शहीद हुए थे। इनमें से एक थे मां भारती के लाल सांगोद क्षेत्र स्थित विनोदकलां गांव निवासी सीआरपीएफ जवान हेमराज मीणा। आज उनकी शहादत को तीन साल बीत गए।
शहीद हेमराज मीणा समेत अन्य शहीदों की शहादत पर उनके सम्मान में बातें भी होंगी तो उन्हें श्रद्धांजलि भी दी जाएगी, लेकिन माटी के इस लाल को सांगोद में श्रद्धांजलि देने के लिए सरकार और सरकार के नुमाइंदे अपनी ही घोषणाओं को भूल गए।
तीन साल पहले शहादत के बाद यहां परिजनों को ढांढ़स बंधाने पहुंचे राज्य के कई मंत्रियों व अधिकारियों ने परिजनों की मांग पर सांगोद में अदालत चौराहे पर सर्किल बनवाकर शहीद की प्रतिमा लगाने का आश्वासन दिया था। प्रतिमा लगाने को लेकर कार्रवाई भी हुई, लेकिन इन तीन सालों में प्रतिमा लगना तो दूर यहां सर्किल का निर्माण तक नहीं हो सका। शहीद को श्रद्धांजलि देनी हो तो लोगों को विनोदकलां स्थित स्मारक स्थल पर जाना पड़ता है। आश्वासन भी मिले, लेकिन प्रतिमा नहीं लगने का मलाल आज भी परिजनों के चेहरे पर झलकता है।
कई बार लगाई गुहार
सांगोद में शहीद की प्रतिमा लगाने को लेकर वीरांगना मधुबाला मीणा समेत अन्य परिजनों ने कई बार सरकार और सरकारी नुमाइंदों को उनकी घोषणाएं याद दिलाने के लिए ज्ञापन दिए। शहीद के परिजनों को धरना तक देना पड़ा। कुछ माह पूर्व वीरांगना ने कोटा में धरना दिया तो आनन-फानन में कांग्रेस नेताओं ने राजकीय महाविद्यालय में शहीद की प्रतिमा लगवा दी। अदालत चौराहे पर प्रतिमा लगवाने की घोषणा तीन साल बाद भी पूरी नहीं हुई।
चौराहे के पास अतिक्रमण
सांगोद में अदालत चौराहे पर सर्किल बनकर प्रतिमा लगनी है, वहां आसपास कई प्रभावशाली लोगों ने अतिक्रमण कर रखा है। पूर्व में कई बार यहां प्रशासन ने अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई भी करनी चाही, लेकिन अतिक्रमण नहीं हट पाया। अतिक्रमियों के आगे अधिकारी बेबस हैं तो तीन साल बाद भी शहीद की प्रतिमा लगने की उम्मीद परिजनों की पूरी नहीं हुई। सरकार और प्रशासन दोनों ही मामले में चुप्पी साधे हैं।
Published on:
14 Feb 2022 06:06 pm
बड़ी खबरें
View Allकोटा
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
