
BIG News: कोटा की प्राइम लोकेशन पर 8 साल से खाली पड़े 2100 फ्लैट, माफिया ने बारूद के विस्फोट से उड़ाए
कोटा. शहर की पाइम लोकेशन पर यूआईटी ( kota UIT ) के 2100 से अधिक फ्लैट 8 सालों से खाली पड़े हैं। लोगों ने महंगे दामों पर मकान तो खरीदा लेकिन यहां बसने में रुचि नहीं दिखाई। यूआईटी ने ध्यान नहीं दिया तो माफियाओं ने अवैध खनन शुरू कर दिया। अब माफिया भूखंडों में बारूद भर विस्फोट कर रहे हैं। कई घरों की दीवारों में दरारें पड़ गई तो किसी का पलास्टर उखड़ गया। आपको बता दें शहर में मोहनलाल सुखाडिय़ा ( Mohan Lal Sukadiyha housing yojna ) और राजीव आवास योजना ( Rajiv Gandhi Awas Yojana ) को मिलाकर 2100 से अधिक फ्लैट ( flat ) बने हैं, जिनमें लोग बसना तक नहीं चाहते। पढि़ए पत्रिका की खास रिपोट...
नगर विकास न्यास की ओर से विकसित की जा रही आवासीय योजनाओं की बदहाली के कारण वहां बसावट नहीं हो पा रही है। पानी, बिजली और अन्य सुविधाएं नहीं होने से लोग भूखंडों पर निर्माण नहीं कर पा रहे हैं, वहीं सैकड़ों बने हुए आवास भी खाली पड़े हैं। पिछली कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में वर्ष 2011 में कुन्हाड़ी क्षेत्र में डेढ़ हजार से ज्यादा भूखंडों की मोहनलाल सुखाडिय़ा आवासीय योजना लॉन्च की गई थी।
8 साल बाद भी इस कॉलोनी का विकास नहीं हो पाया है। अब सरकार बदलने के बाद लोगों को बदलाव की उम्मीद जगी, लेकिन अभी तक हालात जस के तस हैं। यहां न पेयजल की व्यवस्था है, न ही पूरी तरह सड़कों का निर्माण हो पाया है। प्रस्तावित पार्क भी मूर्तरूप नहीं ले सके हैं। इतना ही नहीं न्यास की इस कॉलोनी में धड़ल्ले से अवैध खनन हो रहा है।
लाखों रुपए में खरीदे भूखंडों में बारूद लगाकर गहरे गड्ढे कर दिए हैं, लेकिन न्यास की ओर से रोकथाम की कार्रवाई नहीं की गई। इस क्षेत्र में राजीव आवास योजना के तहत करीब डेढ़ हजार आवास बनाए हैं, लेकिन न्यास लाभार्थियों को कब्जा नहीं दे रहा है। मकान आवंटित होने के बावजूद नगर विकास न्यास किराएदार स्वामित्व योजना के लाभार्थयों को घर का कब्जा नहीं दे पाया है।
Read More: सावधान: खतरनाक बीमारियों से भरा चकाचक दिखने वाला आपका कमरा, सिराहने पर ही मौत करती इंतजार
525 रुपए के मासिक किराए पर मिलेंगे आवास
कच्ची बस्तियों में किराए पर रह रहे गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले लोगों के लिए बने इन मकानों की लागत प्रति आवास 3.50 लाख रुपए है। एक आवासीय इकाई का निर्मित क्षेत्रफल 329.05 वर्ग फीट है। इसमें दो कमरे, एक किचन और एक बाथरूम और एक टॉयलेट बनाया गया है। प्रथम तल पर बालकनी भी है। पात्र लाभार्थियों को महज 525 रुपए के मासिक किराए पर आवास दिए जाने हैं। पांच साल बाद लागत मूल्य का 10 फीसदी यानी 35000 रुपए चुकाने पर आवंटियों को मालिकाना हक मिलेगा।
Special News: सुकून की नींद के साथ किस्तों में मौत बांट रहा आपका बिस्तर, कैसे पढि़ए खास खबर
यहां भी फ्लेट्स खाली
मुख्यमंत्री आवास योजना 2015 के तहत मोहनलाल सुखाडिय़ा आवासीय योजना में करीब 692 आवासों का निर्माण किया गया है। इनमें भी अभी लोगों ने रहना शुरू नहीं किया है।
घर का सपना पूरा होने का इंतजार
राजीव आवास योजना के तहत बनाए गए इन मकानों का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है, लेकिन कब्जा नहीं मिलने से 1528 लाभार्थियों का घर आबाद होने का सपना पूरा नहीं हो सका है। यूआईटी ने वर्ष 2013 में 7166.58 करोड़ रुपए की लागत से राजीव गांधी आवास योजना के तहत मोहनलाल सुखाडिय़ा विस्तार योजना में 'जी प्लस वनÓ श्रेणी के 1528 घरों का निर्माण कार्य शुरू किया था। जमीन पर अतिक्रमण के कारण काम बीच में अटका भी, कब्जे हटाकर काम चालू कराया गया। वर्ष 2015 और 2016 में लॉटरी निकाल कर लाभार्थियों का चयन भी कर लिया। दो साल बाद लॉटरी से आवंटन भी कर दिया।
बढ़ाएंगे सुविधाएं
यह बात सही है कि न्यास की कई योजनाओं में आवंटियों को आवासों के कब्जे नहीं दिए जा सके हैं। कई जगह कुछ सुविधाओं का भी अभाव है। निकट भविष्य में कब्जे देने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। सुविधाएं भी बढ़ाएंगे। मोहनलाल सुखाडिय़ा योजना में न्यास के साइट दफ्तर में भी कार्मिक तैनात किए जाएंगे, ताकि अवैध खनन की निगरानी की जा सके।
भवानीसिंह पालावत, सचिव, नगर विकास न्यास
Published on:
11 May 2019 08:30 am
बड़ी खबरें
View Allकोटा
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
