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सरकार व चिकित्सकों के विवाद की भेंट चढे़ मासूम बच्चे, 48 घंटों में 5 की मौत

कोटा. जेके लोन में पिछले 48 घंटों में 5 बच्चों की मौत हो गई। बुधवार को बच्चों की मौत में लापरवाही का आरोप लगाते हुए परिजनों ने हंगामा कर दिया।

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कोटा

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abhishek jain

Nov 08, 2017

48 घंटों में 5 बच्चों की मौत

कोटा .

सेवारत चिकित्सकों की हड़ताल के दौरान बीते 48 घंटों में जेके लोन अस्पताल में 5 बच्चों की मौत हो गई। अधिकांश शिशु मरीज ग्रामीण क्षेत्रों में उपचार सुविधा नहीं मिलने से रेफर होकर आए थे। परिजनों ने समय पर उपचार नहीं मिलने का आरोप लगा अधीक्षक को शिकायत दी है। उधर, परिजनों के हंगामे के बाद अस्पताल अधीक्षक डॉ. आरके गुलाटी ने बच्चों की मौत की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बनाई है, जो 48 घंटों में अपनी रिपोर्ट सौपेंगी।

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परिजनों ने किया हंगामा

बुधवार को बच्चों की मौत में उपचार में लापरवाही का आरोप लगाते हुए परिजनों ने हंगामा कर दिया। परिजन बार-बार आरोप लगाते रहे कि बच्चों की मौत चिकित्सक की लापरवाही से हुई है। एक महिला मृत शिशु को लेकर बाहर बैठकर रोती रही। परिजनों ने लेबर रूम में डिलेवरी के दौरान स्टाफ से पैसे लेने का भी आरोप लगाया।

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हड़ताल के चलते कोटा रेफर हो रहे मरीज
ग्रामीण क्षेत्र में सेवारत चिकित्सकों की हड़ताल के चलते वहां से बच्चों को कोटा रेफर किया जा रहा है। दूरदराज से आने में लोगों को देर हो रही है। वहीं बुधवार को रेजीडेंट चिकित्सकों की दो घंटे की पेनडाउन हड़ताल से भी इन बच्चों की मौत को जोड़कर देखा जा रहा है। इन बच्चों की मौत की जांच के लिए बनाई गई कमेटी में डॉ. ममता शर्मा, डॉ.पंकज सिंघल व नर्सिंग अधीक्षक धन्नालाल मीणा शामिल हैं।

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इनकी हुई मौत

1. नयापुरा निवासी उषा की नवजात बेटी : 5 नवम्बर को जन्मी, 6 को आईसीयू में भर्ती किया और रात को मौत।

- परिजनों का आरोप : पैदा होने के बाद बच्ची ठीक थी, तबीयत बिगड़ी तो चिकित्सकों ने नहीं संभाला।

2. कुंदनपुर बाहेडा सांगोद निवासी आसमां की बेटी : 7 नवम्बर सुबह जन्मी। बुधवार सुबह 10.30 बजे मौत।

परिजनों का आरोप : बच्ची दूध नहीं पी रही थी। डॉक्टर को सुबह दिखाया तो उन्होंने कहा कि पहले क्यों नहीं लाए।

3. कदली बारां निवासी मीता बाई ने 7 नवम्बर सुबह 6 बजे मृत बच्चे को जन्म दिया।

परिजनों का आरोप : गांव से आए तब पेट में बच्चा ठीक था। बीपी अधिक था, स्टाफ ने समय से पहले डिलेवरी करा दी।

4. द्वारिका ने 7 नवम्बर को मृत बच्चे को जन्म दिया।

परिजनों का आरोप : गांव में डॉक्टर नहीं मिलने से कोटा आए थे, यहां भी प्रसूता को समय पर नहीं संभाला।

5. साजीदेहड़ा निवासी सिरीन ने 7 नवम्बर को सुबह बच्ची को जन्म दिया। एक घंटे बाद मौत

परिजनों का आरोप : बच्चे को डॉक्टर्स ने नहीं संभाला, जबकि डॉक्टर का कहना है कि परिजन मृत ही लेकर आए थे।

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अधीक्षक जेके लोन चिकित्सालय डॉ. आरके गुलाटी का कहना है कि बच्चों की मौत के मामले में डॉक्टर की लापरवाही जैसी कोई बात नहीं है। परिजनों की शिकायत पर तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है, जो जांच कर रिपोर्ट देगी।