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Rudraksh murder case : आरोपित को जमानत मिली तो गवाहों के प्रभावित होने का अंदेशा

कोटा. रुद्राक्ष अपहरण व हत्याकांड के आरोपित अनूप पाडि़या उर्फ संतोष सिंह द्वारा पेश जमानत का दूसरा प्रार्थना पत्र एससीएसटी अदालत के विशिष्ट न्यायाधीश ने शनिवार को खारिज कर दिया।

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कोटा. रुद्राक्ष अपहरण व हत्याकांड के आरोपित अनूप पाडि़या उर्फ संतोष सिंह द्वारा पेश जमानत का दूसरा प्रार्थना पत्र एससीएसटी अदालत के विशिष्ट न्यायाधीश ने शनिवार को खारिज कर दिया।

विशिष्ट न्यायाधीश गिरीश अग्रवाल ने आदेश में कहा कि 7 वर्षीय बालक रुद्राक्ष का फिरौती के लिए अपहरण कर उसकी हत्या कर सबूत मिटाने जैसा गम्भीर अपराध किया गया है।

इस मामले में 110 गवाहों की सूची अदालत में पेश की गई है। इसमें से अभी तक 38 गवाहों के बयान हो चुके हैं। ऐसे में आरोपित को जमानत का लाभ दिया तो गवाहों के प्रभावित होने का पूर्ण अंदेशा है।

साथ ही, एेसे अपराधों में वृद्धि हो सकती है। इसे देखते हुए आरोपित अनूप पाडि़या को जमानत का लाभ देना न्यायाोचित प्रतीत नहीं होता। अनूप का जमानत का पहला प्रार्थना पत्र 31 अक्टूबर 2015 को खारिज किया जा चुका है।

इधर, आरोपित की ओर से अधिवक्ता ने बहस में कहा कि अनूप ने तो अपने भाई अंकुर को 21 हजार की आर्थिक सहायता की थी। उसका इस केस से कोई संबंध नहीं है।

उसे गलत फंसाया गया है। वहीं विशिष्ट लोक अभियोजक ने मामला गम्भीर होने से आरोपित को जमानत देने का विरोध किया।

इधर, मामले में 25 से 27 जुलाई तक सुनवाई होगी। गौरतलब है कि अक्टूबर 2014 में तलवंडी निवासी रुद्राक्ष हांडा का एक पार्क से दो करोड़ रुपए की फिरौती के लिए ओम एनक्लेव निवासी अंकुर पाडि़या ने अपहरण कर लिया था।

बाद में उसे तालेड़ा स्थित जाखमुंड के पास नहर में फेंक दिया था। इस मामले में पुलिस ने आरोपित अंकुर, अनूप पाडि़या, महावीर शर्मा व करणजीत सिंह को गिरफ्तार किया था।

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