
पॉवर कट
शहर की परिधि पर स्थित तीन दर्जन से ज्यादा गांव कहने को तो तो नगर निगम क्षेत्र में हैं, लेकिन जयपुर विद्युत वितरण निगम उन्हें ग्रामीण क्षेत्र ही मान रहा है। एेसे में वहां के बाशिंदे इन दिनों दो के बजाय पांच घंटे बिजली कटौती झेल रहे हैं।
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वसूल रहे शहरी बिजली का पैसा
इन तीन दर्जन से ज्यादा गांवों में करीब 3 हजार विद्युत कनेक्शन हैं। ये सभी लोग शहरी दर से बिजली का बिल भी चुका रहे हैं। साथ ही नगर निगम सीमा में होने का कर भी चुका रहे। एेसे में जेवीवीएनएल ने इन्हें ग्रामीण क्षेत्र का मान सौतेला व्यवहार कर रहा है। बोरखण्डी निवासी दुर्गाशंकर का कहना है कि गर्मी कम नहीं हुई है, बिजली कटौती से लोग बेहाल हो जाते हैं। चन्द्रसेल निवासी निजी स्कूल संचालक दीनदयाल नागर का कहना है कि बच्चों की पढ़ाई व मच्छर के काटने से स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ रहा है। काम में बहुत दिक्कत आती है
इन गांवों में है कटौती का दंश
कैथून रोड स्थित कंवरपुरा व धाकड़खेड़ी, रावतभाटा रोड स्थित रथकांकरा व नयागांव, बारां रोड स्थित नयानोहरा, बोरखेड़ा, मानपुरा, बोरखण्डी, झोंपडि़यां, दसलाना, मण्डानियां, हाथीखेड़ा, झालीपुरा, जगन्नाथपुरा, हनुमतखेड़ा व अर्जुनपुरा, रंगपुर रोड स्थित रोटेदा, चन्द्रसेल और झालावाड़ रोड स्थित जगपुरा समेत 37 गांव इस कटौती का दंश झेल रहे हैं।
ग्रामीण एरिया ही माना
जेवीवीएनएल कोटा जोन के अधीक्षण अभियंता जेआर मीणा ने कहा कि जो नगर निगम का क्षेत्र निजी कंपनी को नहीं गया है, उन गांवों में बिजली कटौती ज्यादा हो रही है तो दिखवाते हैं। वहीं पार्षद दीनदयाल चौबदार ने कहा कि शहर की परिधि के गांव कहने को तो 2005 से निगम क्षेत्र में आ गए, लेकिन विकास और बिजली के नाम पर आज भी ग्रामीण एरिया ही माना जाता है। डिस्कॉम के लोग बिजली दुरुस्त करने भी समय से नहीं आते। अभी तो फिर भी बिजली कटौती हो रही है, पहले भी पूरी बिजली नहीं मिलती थी।
Published on:
11 Oct 2017 02:27 pm
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