
मृतक (फोटो: पत्रिका)
Kota News: कैटल फ्री सिटी कोटा के सुभाष नगर क्षेत्र में सांड के हमले में एक वृद्ध की मौत हो गई। इससे क्षेत्र के लोगों में रोष फैल गया। उन्होंने नगर निगम और जिला प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर कड़ा विरोध जताया। नगर निगम ने हमला करने वाले सांड समेत दो सांडों को पकड़कर गोशाला भेजा। सुभाष नगर के लोगों ने बताया कि मकान नंबर 215 निवासी देवकरण गुर्जर (85) शनिवार रात घर के बाहर बैठे थे। तभी वहां सांड आया और उन पर हमला कर दिया। सांड ने वृद्ध को दोनों सींगों से उठाकर फेंक दिया। इस पर परिजनों और आसपास के लोगों ने बमुश्किल सांड को भगाया। घायल वृद्ध को उपचार के लिए एमबीएस चिकित्सालय में भर्ती करवाया गया, जहां गंभीर हालत में उनका उपचार शुरू किया गया, लेकिन रविवार शाम को उनकी मौत हो गई।
वृद्ध की मौत होने के साथ ही स्थानीय निवासियों में रोष फैल गया। लोगों ने कहा कि इस मामले में पार्षद सोनू धाकड़ समेत नगर निगम व जिला प्रशासन को कई बार शिकायत की। इसके बावजूद प्रशासन गंभीर नहीं हुआ। ऐसे में आए दिन लोग सांडों और मवेशियों के हमले में घायल हो रहे हैं।
स्थानीय लोगों ने बताया कि सब्जीमंडी समेत मुख्य बाजार में बड़ी संख्या में मवेशी घूमते रहते हैं, जो आए दिन लोगों को घायल करते हैं। क्षेत्र में करीब आधा दर्जन सांड घूम रहे हैं। इसमें से तीन सांड तो लोगों पर आए दिन हमला करते हैं। ऐसे में लोगों में भय व्याप्त है।
लोगों ने बताया कि दुर्घटनाएं होने के बाद अभियान चलता है और नगर निगम कुछ गायों को पकड़कर इतिश्री कर लेता है, लेकिन सांडों को पकड़ने के लिए कुछ नहीं किया जा रहा। ऐसे में सड़कों पर सांडों की संख्या बढ़ती जा रही है।
भाजपा नेता महेश खत्री ने बताया कि राज्य सरकार की ओर से देवनारायण योजना में 300 करोड़ रुपए खर्च कर कोटा को कैटल फ्री सिटी बनाने का दावा किया गया, लेकिन कोटा कभी कैटल फ्री नहीं हुआ। मामले में जनहित याचिकाएं लगने और लोगों की पीड़ा के बावजूद प्रशासन मामले में गंभीर नहीं है। नतीजतन मवेशियों का शिकार होकर लोगों की जान जा रही है।
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इससे पहले 19 दिसम्बर 2022 को साबरमती कॉलोनी में सेवानिवृत्त कर्मचारी महेश चंद (62) को मॉर्निंग वॉक के लिए जाते समय सांड ने उठाकर फेंक दिया था। इससे वे गंभीर रूप से घायल हो गए थे। उपचार के बाद उनकी मौत हो गई थी।
21 मई को खेड़ा रामपुर में बजरंग लाल राठौर (85) को सांड ने उठाकर फेंक दिया था। उपचार के दौरान मौत हो गई थी।
रोशन चौधरी ने बताया कि जिस सांड के हमले में वृद्ध की जान चली गई, उसने कुछ दिन पहले उन पर भी हमला किया था। इस पर उन्होंने भागकर बमुश्किल जान बचाई थी।
भरत नागर ने बताया कि सांड काफी आक्रामक है। पहले भी हमले कर चुका। पार्षद व निगम प्रशासन को शिकायत भी की, लेकिन सांड को नहीं पकड़ा और यह हादसा हो गया।
शहर में मवेशियों के हमले के दर्जनों लोग घायल होते हैं। इसमें से हर साल करीब दो दर्जन घायल होकर अस्पताल में भर्ती होते हैं। बावजूद इसके इस समस्या को लेकर गंभीर कदम नहीं उठाए जा रहे।
Published on:
02 Jun 2025 02:41 pm
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