
दूध और पनीर के सैम्पल की जांच करते हुए
शिक्षा नगरी में केवल दूध ही नहीं, घी, पनीर, मावा, दही और मिठाइयां तक मिलावटी बिक रही हैं। जिला खाद्य सुरक्षा एवं औषधि नियंत्रण विभाग की रिपोर्ट में चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है। रिपोर्ट के अनुसार, कोटा में बिक रहा 94 फीसदी दही अमानक है। इस साल अब तक दही के जो नमूने लिए, उसमें एक को छोड़ सभी सैम्पल फेल हो गए हैं। वहीं घी के आधे नमूने मिलावटी मिले। देसी घी में घटिया तेल, पॉम ऑयल और वनस्पति की मिलावट मिली है।
मिलावटी दही तैयार कर बेच कर मोटा मुनाफा कमा रहे
जिला खाद्य सुरक्षा एवं औषधि नियंत्रण कार्यालय की ओर से जनवरी से अब तक लिए दूध व दूध से बने उत्पादों के नमूनों की जांच में दूध के 35.89 फीसदी नमूने फेल हो गए। जबकि दही के 94.44 फीसदी, घी के 50, मावा के 40, पनीर के 44.82 तथा मिठाई के 38.75 फीसदी नमूने फेल हुए। दही में मिलावट करने वालों पर विभाग ने ढाई लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। गर्मी में दही की खपत बढ़ जाती है। इस कारण मिलावटी दही तैयार कर बेच कर मोटा मुनाफा कमा रहे हैं।
मिलावट को यों समझिए...
घी : घटिया तेल, पॉम ऑयल और वनस्पति की मिलावट। एक सैम्पल अनसेफ मिला।
दही : दूध को गर्म कर मलाई निकालकर उसे जमाया गया। उससे फैट की मात्रा बहुत कम आती है।
दूध : पानी की मात्रा 30 से 50 फीसदी। जिससे फैट की मात्रा कम आने से सैम्पल फेल हुए।
मावा-पनीर-मिठाई : फैट की मात्रा बहुत कम होने के कारण नमूने अमानक पाए गए। मिठाई के तीन सैम्पल अनसेफ मिले।
ऐसे पहचाने खतरनाक मिलावट
कुछ घरेलू तरीकों से इन उत्पादों की मिलावट की पहचान की जा सकती है। जैसे, दूध में डिटर्जेंट की मिलावट को झाग बनने और कड़वाहट से पहचाना जा सकता है। पनीर में साबुन की मिलावट को गर्म पानी में डालकर उसकी गंध से जाना जा सकता है। मावा को पानी में घोलने पर यदि सफेद पदार्थ अलग हो जाए, तो उसमें स्टार्च की मिलावट हो सकती है।
उत्पाद - कुल सैम्पल - फेल -
दूध 39 14
दही 18 17
घी 78 39
मावा 35 14
पनीर 29 13
मिठाई 80 31
Published on:
18 Apr 2025 12:59 pm
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