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310 आबादी वाले गांव को पंचायत बनाने प्रस्ताव, 2000 लोगों का गांव दरकिनार

ग्राम पंचायतों के परिसीमन को लेकर ग्रामीणों ने विरोध का बिगुल बजा दिया है। बिगुल भी एक दो नहीं, सात गांवों के ग्रामीणों ने बजाया है।

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kota

310 आबादी वाले गांव को पंचायत बनाने प्रस्ताव, 2000 लोगों का गांव दरकिनार

कोटा.

ग्राम पंचायतों और नगर निकायों के सरकार की ओर से किए जा रहे परिसीमन में गड़बडिय़ां सामने आ रही हैं। सरकार के तय मापदंडों की हुंकार भर मशीनरी ने प्रस्ताव तो बना दिए लेकिन इनके खिलाफ जैसे ही आपत्तियां मांगनी शुरू हुई, ग्रामीण विरोध में खड़े होने लग गए। ऐसा ही मामला भैसरोडगढ पंचायत समिति में सामने आ रहा है। ग्राम पंचायतों के परिसीमन को लेकर ग्रामीणों ने विरोध का बिगुल बजा दिया है। बिगुल भी एक दो नहीं, सात गांवों के ग्रामीणों ने बजाया है। वजह है कि 310 की आबादी वाले गांव को ग्राम पंचायत बनाने का प्रस्ताव हो रहा जबकि ग्रामीण जिस गांव को पंचायत बनाने की कह रहे उसकी आबादी 2 हजार है।
यह पंचायत चाहते हैं ग्रामीण
ट्रैक्टर-ट्रॉलियों व अन्य साधनों से रावतभाटा पहुंचे इन सात गावों के ग्रामीणों ने एसडीएम को जिला कलक्टर चित्तौडगढ़़ के नाम ज्ञापन सौंपकर भवानीपुरा को ग्राम पंचायत बनाने की मांग की। ग्रामीणों ने बताया कि भैसरोडगढ़ व बाडोलिया के गांवों को जोड़कर नई ग्राम पंचायत सणिता घोषित करने के प्रस्ताव तैयार किए हंै, लेकिन जोड़े गए गांवों की दूरी सणिता से करीब 10 किलोमीटर है।
ऐसे बताया सरकारी प्रस्ताव गैर न्यायोचित
ग्रामीणों के अपनी मांग के समर्थन में ठोस तर्क हैं। उनका कहना है कि सणिता गांव की आबादी मात्र 310 है, जबकि भवानीपुरा गांव की आबादी करीब दो हजार है। ऐसे में दूरी व आबादी को देखते हुए सणिता को ग्राम पंचायत बनाने का प्रस्ताव न्यायोचित नहीं है। दूसरा बड़ा तर्क ग्रामीण देते हैं कि सणिता में बाडोलिया ग्राम पंचायत के जिन गांवों को शामिल किया गया है, वे सभी रावतभाटा नगरपालिका के पेराफेरी क्षेत्र में आते हैं। नगरपालिका के सीमा विस्तार के साथ कई तहत की पेचीदगियां सामने आने लगेंगी। गामीणों ने भवानीपुरा ग्राम पंचायत बनाकर सणिता व आसपास के गांवों को इसमें शामिल करने की मांग की है। मांग न मानने पर पंचायत राज चुनाव बहिष्कार की चेतावनी
दी है।