
Patrika First : एक स्मार्ट लिंक रोड नए कोटा में घटा सकता है ट्रैफिक का बोझ
पंकज श्रीवास्तव
शंभुपुरा में 1250 एकड़ क्षेत्र में नए एयरपोर्ट के मार्ग की सभी अड़चनें दूर हो चुकी हैं। ऐसे में अब मौजूदा एयरपोर्ट की 172 हैक्टेयर जमीन से शहर विकास की नई राहें खुलने का समय आ चुका है। शहर विकास से जुड़े विशेषज्ञों का मानना है कि इस जमीन पर करीब 400 मीटर का एक स्मार्ट लिंक रोड यदि जवाहर नगर नाले के पास से झालावाड़ रोड को जोड़ दे तो सीएडी सर्किल और एरोड्रम सर्किल होकर विज्ञान नगर जाने वाला 25 फीसदी ट्रैफिक लोड कम किया जा सकता है।
शहर के बीचों बीच जब इतनी बड़ी जमीन मिल रही है तो उससे इस तरह नगर नियोजन किया जाना चाहिए जिससे आने वाले समय में इस क्षेत्र में बढऩे वाले ट्रेफिक दबाव को घटाया जा सके। मौजूदा एयरपोर्ट परिसर में करीब 172 हैक्टेयर में है। जिसका अनुमोदित मास्टर प्लान में भू—उपयोग मुख्यत: व्यवसायिक और आवासीय दर्शित है। इस जमीन का क्या उपयोग होगा? इस पर शहर में चर्चा का दौर भी है। यूआईटी से प्रस्तावित भी हो चुका है कि यहां 20 हैक्टेयर क्षेत्र में मिनी सचिवालय आकार लेगा। इसके अलावा यहां 122 हैक्टेयर जमीन पर हरित क्षेत्र के रूप में विकसित किया जाएगा। वैसे भी सामुदायिक सुविधाओं के लिए यहां जमीन को रिजर्व रखा जा रहा है। ऐसे में सड़क जैसी मूलभूत जरूरतों को भविष्य को देखते हुए प्लान करना होगा।
विकल्प 01 : जवाहर नगर से जोड़ें झालावाड़ रोड को
फिलहाल दादाबाड़ी के पास पुल के नीचे से एयरपोर्ट की दीवार तक आकर जवाहर नगर से घूम कर आता है रास्ता। उसे सीधे यदि झालावाड़ रोड से कनेक्ट किया जाए और एक शानदार लिंक रोड निकाला जाए तो बेहतर कनेक्टिविटी बन सकती है।
विकल्प 02 : दादाबाड़ी तिराहे से हवाईपट्टी जोड़ें
जो हवाई पट्टी है उसी स्थान से यदि सीधे दादाबाड़ी तिराहे से नाले के ऊपर एक पुल बनाते हुए इसे सीधे जोड़ दिया जाए तो काफी कम खर्च में एक बेहतर कनेक्टिविटी रोड मिल सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि यहां कि प्लानिंग उसी अनुसार की जा सकती है।
कई सड़कों पर लग रहे जाम से मिलेगी मुक्ति
मौजूदा सड़क नेटवर्क में शहर का सबसे ज्यादा दबाव झेल रही सड़कों को भारमुक्त करने में ये स्मार्ट लिंक रोड बेहद अहम भूमिका निभा सकता है। दादाबाड़ी पर रोज पीक आवर्स में लगने वाले जाम से भी मुक्ति दिला सकता है। साथ ही इसे अत्याधुनिक स्मार्ट रोड की तर्ज पर इसे विकसित किया जाए तो शहर का एक दर्शनीय रोड भी बन सकता है। शहरी विकास से जुड़े विशेषज्ञ मानते हैं कि सबसे ज्यादा ट्रैफिक का दबाव जवाहर नगर क्षेत्र, महावीर नगर, झालावाड़ रोड और दादावाड़ी क्षेत्र में रहता है। इसके पीछे इस क्षेत्र में कोचिंग संस्थानों का होना भी एक वजह है। यदि यहां सर्विस रोड के साथ एक चौड़ी सड़क की प्लानिंग हो और सेल्फी प्वाइंटस आदि के साथ व्यवस्थित विकसित की जाए तो शहर के ट्रैफिक भार को कम किया जा सकता है।
फायदेमंद होगा ङ्क्षलक रोड
शहर में यातायात व्यवस्था पहले से बेहतर हो गई। जवाहरनगर से एयरपार्ट होते हुए सड़क बनने से विज्ञान नगर तक सीधा जुड़ाव हो जाएगा। दादाबाड़ी से सीधे अभय कमांड सेंटर तक एक बाइपास रास्ता निकाला जा रहा है, इससे सीएडी चौराहे पर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। लिंक रोड बनता है तो उससे आमजन को फायदा मिलेगा। वाहनों का दबाव भी कम होगा। सीएडी चौराहे, दादाबाड़ी बड़े चौराहे पर लगने वाला जाम कम होगा। इसके अलावा शहर की यातायात व्यवस्था में भी सुधार की जरुरत है। यदि इतनी बड़ी भूमि शहर को मिल रही है तो उससे कुछ ऐसी योजनाएं बनाई जानी चाहिए जो भविष्य के शहर और उस अनुसार बढ़ती हुई मांग को पूरा कर सके। स्मार्ट लिंक रोड वक्त की जरूरत हैं।
एसएन गुप्ता, पूर्व नगर नियोजक
कैसे बंटेगी जमीन
20 हैक्टेयर : सरकारी एवं अद्र्धसरकारी कार्यालय बनाना प्रस्तावित
122 हैक्टेयर : हरित क्षेत्र जिनमें उद्यान, खुला स्थल या खेल मैदान हो सकते हैं
09 हैक्टेयर : विशेष क्षेत्र
21 हैक्टेयर : अन्य सामुदायिक सुविधाएं
Published on:
22 Jan 2023 07:05 pm
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